पुलिस और जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के आगे टेके घुटने

। कस्बे में कुछ किसान संगठनों ने एक किसान दंपती का 17 लाख रुपये होम लोन माफ करने की मांग को लेकर 22 जुलाई से कोट ईसे खां की भारतीय स्टेट बैंक की ब्रांच नहीं खुलने दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:33 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:33 PM (IST)
पुलिस और जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के आगे टेके घुटने
पुलिस और जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के आगे टेके घुटने

तरसेम सचदेवा.कोट ईसे खां

कस्बे में कुछ किसान संगठनों ने एक किसान दंपती का 17 लाख रुपये होम लोन माफ करने की मांग को लेकर 22 जुलाई से कोट ईसे खां की भारतीय स्टेट बैंक की ब्रांच नहीं खुलने दी। पहले दिन 22 जुलाई को ब्रांच मैनेजर दीपक यादव व अन्य स्टाफ को ब्रांच में बंधक बना लिया गया था, पुलिस ने काफी मुश्किल से उन्हें बाहर निकाला। अब किसान संगठन बैंक की शाखा ही नहीं खुलने दे रहे हैं, जिससे बैंक के ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस व प्रशासन दोनों ने ही महज 30-40 किसान संगठन के लोगों के आगे घुटने टेक दिए हैं।

इस संबंध में डीएसपी धर्मकोट सुबेग सिंह का कहना है कि बैंक का खुलना न खुलना उनके कार्य क्षेत्र में नहीं है, ये सिविल प्रशासन की जिम्मेदारी है, बैंक की जिम्मेदारी है। धर्मकोट के एसडीएम का अतिरिक्त पदभार संभाल रहे एसडीएम निहालसिंह वाला फोन ही पिक नहीं कर रहे हैं, जबकि धर्मकोट की नई एसडीएम चारुमिता ने तबादले के तीन दिन बाद भी पदभार नहीं संभाला है।

स्टेट बैंक की कोट ईसे खां ब्रांच के मैनेजर दीपक यादव ने बताया कि कृष्ण कुमार नामक व्यक्ति ने बैंक से साल 2014 में 20 लाख रुपये का होम लोन लिया था। शुरुआत में वह किस्त देता रहा, लेकिन बाद में किस्तें देना बंद कर दिया। वर्तमान में कृष्ण कुमार पर बैंक का करीब 16-17 लाख रुपया बकाया है। मकान उसकी पत्नी प्रवीन कुमारी के नाम पर है। कृष्ण कुमार लगातार उन पर दबाव बना रहा था कि उसका बकाया पूरा लोन माफ कर दिया जाए, जबकि बैंक के नियमों के हिसाब से उसकी मांग पूरी तरह गैर कानूनी है, ये संभव ही नहीं है। 22 जुलाई को 40-50 लोगों ने आकर उनके सहित पूरे बैंक स्टाफ को बंधक बना लिया था। शाम को बैंक का समय खत्म होने पर थाना कोट ईसे खां पुलिस ने काफी मुश्किल से उन्हें बाहर निकाला। शुक्रवार को सुबह फिर प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही ब्रांच घेर ली, सुबह अंदर जाने देते हैं, लेकिन बाद में बाहर नहीं निकलने देते हैं। जिससे 22 जुलाई के बाद से अब तक बैंक पूरी तरह बंद है, कोई काम नहीं हो पा रहा है। पुलिस से सहायता मांगी थी, उन्होंने सहायता की भी थी, लेकिन प्रदर्शनकारी बैंक नहीं खुलने दे रहे हैं। अगले दिन शाखा खोली थी तो उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई थीं। छह दिन से बैंक शाखा बंद होने से बैंक के ग्राहकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

एसडीएम राम सिंह को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं की।

chat bot
आपका साथी