महेंद्र साथी यादगारी मंच ने करवाया कवि दरबार समागम
। महेंद्र साथी यादगारी मंच की ओर से पंजाब साहित्य अकादमी के सहयोग से विशाल कवि दरबार एवं यादगारी भाषण करवाया गया।
संवाद सहयोगी,मोगा
महेंद्र साथी यादगारी मंच की ओर से पंजाब साहित्य अकादमी के सहयोग से विशाल कवि दरबार एवं यादगारी भाषण करवाया गया।
अकादमी के अध्यक्ष डा. सर्बजीत कौर सोहल समागम में मुख्यतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता शायर सुखविदर अमृत ने की। डा. संदीप दाखा, प्रो. जसपाल घई व मंच के अध्यक्ष कहानीकार गुरमीत कडि़यालवी ने आए मेहमानों का स्वागत किया। मंच के महासचिव रंजीत सरांवाली ने प्रो. जसपाल घई को महेन्द्र साथी के जीवन व रचना के बारे में विचार रखने का आह्वान किया। प्रो. घई ने कहा कि साथी मजदूर लोगों के शायर थे, जिन्होंने सारी उम्र किसी भी धमकी की प्रवाह नहीं की। उन्होंने साथी की जीवनी से सभी को अवगत करवाया। डा. सर्बजीत कौर सोहल ने अकादमी की ओर से महेन्द्र साथी की रचनाओं की जानकारी दी।
कवि दरबार की शुरुआत लुधियाना से आए शायर त्रिलोचन ने नानक के खेतों की मिट्टी से की। दिल को छूने वाली कविताओं ने सभी की आंखें नम कर दी। बठिडा से आए शायर तनवीर ने कविता, उर्दू के शायर मुकेश आलम ने अफनी शायरी, हरमीत विद्यार्थी ने फरीद से संवाद पेश किया। इस मौके पर मंजीत पुरी, सर्बजीत जस, सुरजीत जज ने कविताएं सुनाई। इस बीच, अमर सूफी, प्रो. जसपाल घई, बलजीत ग्रेवाल रौंता की पुस्तकें लोकार्पण की गई।
इस मौके पर राम स्वर्ण, सत्य प्रकाश उप्पल, प्रीत जग्गी, जसवीर कलसी, अनिल आलम, राजीव, सुखजिदर फिरोजपुरी, हरनेक सिंह नेक, अमरप्रीत भागीके, काशदीप कोकरी, पुरुषोत्तम पत्तों, जगदीश प्रीतम, मंगतमीत पत्तों, जसवंत राऊके, बेअंत कौर गिल, सोनिया सिमर, बलजिदर कलसी, नारायण सिंह, अमरीक सिंह सैदोके, प्रो. कुलवंत सिंह ढिल्लों, संदीप सिंह, नरेन्द्र रोही आदि साहित्यकार मौजूद थे।