कांग्रेस में चक्कर लगा शिअद में जाने वालों ने घटाया विश्वास: हरजोत

मोगा निगम चुनाव को लेकर शुरू हुई दल-बदल की सियासत के बीच कांग्रेस के विधायक डा. हरजोत कमल ने हाल ही में शिअद में शामिल हुए दो लोगों पर सीधा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग शर्तो के आधार पर पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए चक्कर लगा रहे थे उन्होंने शिअद में शामिल होकर सिर्फ अपने विश्वास को तोड़ा है। ऐसे लोग किसी पार्टी की ताकत नहीं बन सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 04:39 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 07:00 AM (IST)
कांग्रेस में चक्कर लगा शिअद में जाने वालों ने घटाया विश्वास: हरजोत
कांग्रेस में चक्कर लगा शिअद में जाने वालों ने घटाया विश्वास: हरजोत

जागरण संवाददाता, मोगा

निगम चुनाव को लेकर शुरू हुई दल-बदल की सियासत के बीच कांग्रेस के विधायक डा. हरजोत कमल ने हाल ही में शिअद में शामिल हुए दो लोगों पर सीधा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग शर्तो के आधार पर पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए चक्कर लगा रहे थे, उन्होंने शिअद में शामिल होकर सिर्फ अपने विश्वास को तोड़ा है। ऐसे लोग किसी पार्टी की ताकत नहीं बन सकते हैं। राजनीति में वह खुद एक सामान्य कार्यकर्ता से मेहनत कर इस मुकाम तक पहुंचे हैं, न तो उन्होंने शार्ट कट का रास्ता अपनाया है और न ही शार्ट कट से आने वाले किसी को कांग्रेस शामिल करेगी।

कांग्रेस विधायक ने हाल ही में शिअद के शहरी इकाई के व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बने नवीन सिगला व एक अन्य पर प्रहार करते हुए कहा कि वे पहले कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। उन्हें टिकट कमिटमेंट की जल्दबादी थी, कांग्रेस जल्दबाजी में फैसला नहीं लेती है। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं, पार्टी में उन्हें सम्मान मिलता है। मार्केट कमेटी के चेयरमैन रहे रामपाल धवन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। जरूरी नहीं है कि कांग्रेस में कार्यकर्ता जो उम्मीद लेकर आए वही उसे मिल जाए। अगर कोई कार्यकर्ता ईमानदारी व समर्पण से काम करता है तो उसे उससे भी बड़ा सम्मान मिलता है। लालच में आने वाले लोग किसी पार्टी में नहीं टिक सकते हैं, उन्हें कहीं और बड़ा लालच मिल जाए तो वे उधर पलायन कर जाएंगे। अच्छा हुआ, ऐसे लोगों ने खुद ही अपने रास्ते बदल लिए।

कांग्रेस विधायक ने कहा कि आठ मार्च के बाद जब निगम बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो गया, उसके बाद उन्होंने शहर में विकास के काम शुरू कराए। इस दौरान कोरोना संक्रमण काल शुरू हो गया, वे खुद कोरोना संक्रमित हो गए थे। बाद में हादसे का शिकार हो गए, लेकिन शहर के लिए कुछ कर दिखाने की इच्छा थी। अकाली-भाजपा के पांच साल का निगम का कार्यकाल और उनका मार्च के बाद से अब तक के काम की समीक्षा पूरा शहर कर सकती है। वे इसी जज्बे से शहर की सेवा करते रहेंगे।

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