जिले में एक स्कूली छात्रा मिली संक्रमित, अब तक 13 विद्यार्थी आ चुके हैं कोरोना पाजिटिव

। जिले में शनिवार को गांव ढिल्लवां स्थित सरकारी हाई स्कूल में पढ़ने वाली 16 वर्षीय छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 10:05 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 10:05 PM (IST)
जिले में एक स्कूली छात्रा मिली संक्रमित, अब तक 13 विद्यार्थी आ चुके हैं कोरोना पाजिटिव
जिले में एक स्कूली छात्रा मिली संक्रमित, अब तक 13 विद्यार्थी आ चुके हैं कोरोना पाजिटिव

संवाद सहयोगी,मोगा

जिले में शनिवार को गांव ढिल्लवां स्थित सरकारी हाई स्कूल में पढ़ने वाली 16 वर्षीय छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई है। स्कूल खुलने से लेकर अब तक जिले में 13 विद्यार्थी पाजिटिव आ चुके हैं। संक्रमित छात्रा को होम क्वारंटाइन किया गया है।

सिविल सर्जन डाक्टर अमरप्रीत कौर बाजवा ने बताया कि अब तक कुल 8410 लोग संक्रमण को हराकर स्वस्थ हो चुके हैं। जिले में अब केवल पांच एक्टिव केस रह गए हैं। शनिवार को सेहत विभाग की टीमों ने 544 लोगों के सैंपल लेकर फरीदकोट जांच के लिए भेजे हैं। जिले में अब तक कोरोना से 233 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 210241 लोगों के कोरोना की जांच के लिए सैंपल एकत्रित किए जा चुके हैं, जिनमें से 136270 सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। इसके साथ ही 319 लोगों की रिपोर्ट पेंडिग है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि संक्रमण कमजोर जरूर हुआ है, लेकिन खत्म नहीं हुआ। जिले के लोगों को सेहत विभाग की ओर से जारी हिदायतों का सख्ती से पालन करना चाहिए। घर से बाहर निकलते हुए मास्क जरूर पहनें और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। ऐसी स्थिति में बच्चों को लेकर बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। अनंत चतुर्दशी व्रत का हिदू धर्म में बड़ा महत्व : आचार्य नंद लाल कोटकपूरा बाईपास स्थित बगुला मुखी मंदिर के आचार्य नंद लाल शास्त्री ने कहा कि अनंत चतुर्दशी व्रत का हिदू धर्म में बड़ा महत्व है। इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान श्री विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है।

उन्होंने बताया कि भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के पश्चात बाजू पर अनंत सूत्र बांधा जाता है जो कपास या रेशम से बने होते हैं और इनमें चौदह गांठ होती हैं। पुराणों में अनंत चतुर्दशी की कथा के युधिष्ठिर से संबंधित होने का उल्लेख मिलता है। पांडवों के राज्यहीन हो जाने पर श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने का सुझाव दिया। इससे पांडवों को हर हाल में राज्य वापस मिलेगा का भरोसा दिया। युधिष्ठिर ने जब पूछा- यह अनंत कौन हैं। तब श्रीकृष्ण ने कहा कि श्रीहरि के ही स्वरूप हैं। इस व्रत को विधि विधान से करने से जीवन में आ रहे समस्त संकट समाप्त होंगे और भगवान हरि प्रसन्न होकर दीघार्यु का आशीर्वाद देते है अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री गणेश का विसर्जन भी किया जाता है गणेश विसर्जन बप्पा की विदाई की एक रस्म होती है। आचार्य नंद लाल ने कहा कि जब गणपति जी गणेश चतुर्थी पर स्थापित किए जाते हैं तो उसके 10 दिन बाद विदाई दी जाती है। और गणपति जी से ऋद्धि सिद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है।

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