एक घंटे चिकित्सा सेवाएं ठप कर दिया धरना, प्रदेश भर से मिला समर्थन

मोगा विधायक डॉ. हरजोत कमल के समर्थक द्वारा अभद्रता के बाद डॉ. रीतू जैन के तबादले से नाराज सिविल अस्पताल मोगा के डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ ने सुबह दस बजे से एक घंटे तक चिकित्सा सेवाएं ठप कर अस्पताल परिसर में धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 12:43 AM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 12:43 AM (IST)
एक घंटे चिकित्सा सेवाएं ठप कर दिया धरना, प्रदेश भर से मिला समर्थन
एक घंटे चिकित्सा सेवाएं ठप कर दिया धरना, प्रदेश भर से मिला समर्थन

राज कुमार राजू, मोगा

विधायक डॉ. हरजोत कमल के समर्थक द्वारा अभद्रता के बाद डॉ. रीतू जैन के तबादले से नाराज सिविल अस्पताल मोगा के डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ ने सुबह दस बजे से एक घंटे तक चिकित्सा सेवाएं ठप कर अस्पताल परिसर में धरना दिया। वहीं दूरी ओर कोरोना के दिनों में जब डॉक्टर अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों का इलाज कर हरे हैं। ऐसे समय में महिला डॉक्टर के साथ अभद्रता के मामले को लेकर प्रदेश भर के डॉक्टरों ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है।

पीसीएमएस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गगनदीप सिंह का कहना है कि अभी तो स्थानीय स्तर पर सांकेतिक रूप में संघर्ष शुरू किया है। यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रदेश भर के चिकित्सकों के फोन लगातार आ रहे हैं और ये आंदोलन प्रदेशभर में फैल जाएगा, क्योंकि ये चिकित्सकों के सम्मान का मामला है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी एवं अकाली दल भी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।

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इंसाफ न मिला तो होगा संघर्ष तेज

सिविल अस्पताल परिसर में एक घंटे के रोष प्रदर्शन के बाद पीसीएमएस यूनियन व पैरामेडिकल स्टाफ ने डॉ. रीतू के तबादले को रद करने की मांग को लेकर सरकार को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि तबादला न रुका और डॉक्टर के खिलाफ अभद्रता करने वाले के खिलाफ कार्रवाई न हुई, तो सोमवार से चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह ठप कर दी जाएंगी।

यूनियन के प्रधान डॉ. गगनदीप सिंह, डॉ. इंद्रवीर सिंह गिल, डॉ. संजीव जैन ने कहा कि डॉ. रीतू के साथ हुई अभद्रता व उनके तबादले के मामले को लेकर सिविल अस्पताल के सभी डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ ने एक घंटे काम छोड़कर विरोध प्रदर्शन किया है। इस बारे में 14 अगस्त को दो घंटे काम बंद रखेंगे और काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे। इसके अलावा सोमवार तक कार्रवाई न होने पर डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

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एसएमओ के खिलाफ भी आक्रोश

इस मौके पर पीसीएमएस यूनियन के प्रधान डॉ. गगनदीप सिंह, डॉ. इन्द्रवीर सिंह गिल, पैरामेडिकल स्टाफ के महिन्द्रपाल लूंबा, कुलबीर सिंह ढिल्लों, राज कुमार आदि ने बिना नाम लिए एसएमओ डॉ. राजेश अत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि घर में आग लगी हुई हैद्ध। मगर, घर का मुखिया मूकदर्शक बना हुआ है।

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रिश्वत के आरोप की जांच के लिए तैयार

विधायक पक्ष के लोगों की ओर से

कोरोना टेस्ट के लिए 3500-3500 रुपये रिश्वत मांगने के लगाए आरोपों पर प्रधान डॉ. गगनदीप सिंह व डॉ. इन्द्रवीर सिंह गिल ने विधायक पर पलटबार करते हुए कहा कि पूरे शहर को पता है कि रिश्वत कौन बटोरता है। टेस्ट कराने वाला एक भी व्यक्ति सामने आकर कह दे कि किसी ने कोई पैसा मांगा है, तो वे कोई भी जांच का सामना करने को तैयार हैं। इस मौके पर डॉ. मानिक सिगला, डॉ. रूपाली सेठी, फार्मासिस्ट राजेश भारद्वाज आदि हाजिर थे।

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नियम अनुसार ही होगा काम

डॉ. गगन ने कहा है कि विदेश जाने वालों के लिए क्या सरकार इस बात की इजाजत देती है कि जो लोग बीमार हैं, बुखार व खांसी है। उन्हें छोड़कर पहले विदेश जाने वाले लोगों के ट्रू नेट मशीन से टेस्ट किए जाएं। सरकारी डॉक्टर सिर्फ सरकार की हिदायत व नियमों के अनुसार काम करेगा, किसी के दबाव में गलत नहीं करेगा।

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क्यों हुआ था हंगामा

11 अगस्त को सुबह हांगकांग जाने की तैयारी कर चुके 34 लोग विधायक डॉ. हरजोत कमल की सिफारिश पर मोगा के सिविल अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराने पहुंचे थे। मशीन की क्षमता सिर्फ 15 लोगों के टेस्ट करने की है। उसमें भी गाइडलाइन है कि जिन्हें बुखार है, खांसी है या गला खराब है, उनके टेस्ट ही ट्रू नेट मशीन से किए जाएं, ताकि कोरोना के कारण किसी की जान न जाए। उस दिन ऐसे कई मरीज थे। फिर भी डॉ. रीतू 7-8 लोगों के टेस्ट करने को तैयार थीं। मगर, विधायक के समर्थक सभी के टेस्ट उसी दिन कराना चाहते थे, जो संभव नहीं है। पर्ची काउंटर से पैथोलॉजिस्ट का कोई सीधा मतलब नहीं रहता है। इसी से नाराज होकर विधायक के एक समर्थक ने डॉ. रीतू जैन को रास्ते में रोककर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था।

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