एक लाख में बेचने के लिए किया था बच्चे का अपहरण, एक गिरफ्तार
। मथुरादास सिविल अस्पताल में नलबंदी कराने पहुंची एक महिला के पति से दोस्ती कर उसके आठ महीने के बचे का अपहरण एक लाख रुपये में बेचने के लिए किया गया था।
जागरण संवाददाता.मोगा
मथुरादास सिविल अस्पताल में नलबंदी कराने पहुंची एक महिला के पति से दोस्ती कर उसके आठ महीने के बच्चे का अपहरण एक लाख रुपये में बेचने के लिए किया गया था। बच्चे को खरीदने वाले जैतो निवासी जलंधा ने तय राशि में से कुछ रकम विशाल के खाते में डाल दी थी। विशाल ने बच्चे का अपहरण कर जलंधा को सौंप दिया था। इस बीच अपहरण की तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने व पुलिस के दबाव के चलते बच्चे को खरीदने वाला जलंधा खुद बच्चे को लेकर पुलिस के पास पहुंच गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में बच्चे का अपहरण करने वाले विशाल, जलंधा व मनप्रीत कौर उर्फ मन्नू नामक एक महिला के खिलाफ पुलिस ने अपहरण व साजिश रचने का केस दर्ज किया है। लालच में विशाल ने काम भी छोड़ दिया था
एसपी (डी) रूपिदर भट्टी ने रविवार शाम को मीडिया के सामने पूरे मामले का राजफाश करते हुए बताया कि विशाल दो महीने से बच्चे के अपहरण करने की साजिश रच रहा था। विशाल पहले फिरोजपुर रोड स्थित राजीव अस्पताल में काम करता था। वहां पर जलंधा की एक रिश्तेदार बेअंत कौर इलाज के लिए आई थी। बेअंत कौर ने अस्पताल में बताया था कि उनके 32 साल के रिश्तेदार जलंधा के पास कोई औलाद नहीं है, डाक्टरों ने मना कर दिया है कि उन्हें बच्चा नहीं होगा। वहीं पर मनप्रीत कौर उर्फ मन्नू ने विशाल के साथ एक लाख रुपये में ये कहकर डील कराई थी कि विशाल की बहन के बच्चा है। उसके पहले भी बच्चा है, वह उसे रखना नहीं चाहती है, एक लाख रुपये में वह अपना बच्चा दे सकती है। अपहरण को अंजाम देने में जुट गया
ये डील फाइनल होने के बाद ही जलंधा ने विशाल के बैंक खाते में थोड़े-थोड़े पैसे डालने शुरू कर दिए थे। उधर बच्चे का अपहरण करने के आरोपित विशाल ने दो महीने से राजीव अस्पताल में काम करना बंद कर दिया था और बच्चे के अपहरण की साजिश में जुट गया था। एसपी डी ने बताया राजीव अस्पताल से पड़ताल करने पर पता चला कि दो महीने से विशाल वहां नहीं आ रहा था, संभावना है कि बच्चे का अपहरण करने की साजिश में उसने मथुरादास सिविल अस्पताल पर ध्यान केंद्रित कर लिया था। पहले दोस्ती की, फिर छल किया
शनिवार को जब कर्मजीत सिंह की पत्नी नलबंदी का आपरेशन कराने सिविल अस्पताल पहुंची थी तो विशाल ने बड़े ही प्रभावी ढंग से कर्मजीत के साथ दोस्ती कर ली। कर्मजीत का आठ महीने का बच्चा रोया तो उसे चुप कराने के बहाने विशाल से उसे गोद में उठा लिया। इसी दौरान कर्मजीत जब दूसरे तीन साल के बेटे को पेशाब कराने गया तो मौका पाकर विशाल आठ महीने के बच्चे अभिजोत को उसकी दादी परमजीत सिंह से ये कहकर ले गया कि वह उसे दूध पिलाकर लाता है, इसके बाद वह अस्पताल से गायब हो गया।
बच्चे के अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गई थी, अस्पताल से सीसीटीवी कैमरे खंगालने के बाद पुलिस ने मेन बाजार के कैमरों की फुटेज खंगाली तो बच्चे का अपहरण करने वाला प्रीत नगर की ओर जाता दिखाई दिया। रास्ते भर के सीसीटीवी कैमरे खंगालते हुए आखिरकार पुलिस रात को करीब 11 बजे प्रीतनगर के ही निकट विशाल के घर तक जा पहुंची। उस समय तक विशाल बच्चे को जैतो के निवासी जलंधा को सौंप चुका था। जलंधा खुद भी मजदूरी करता है। सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपित तक पहुंची पुलिस
उधर पुलिस को अपने इलाके में देख विशाल घर से फरार हो गया। पुलिस ने पूछताछ के लिए रात को उसके परिवार के लोगों को उठा लिया। विशाल का पिता ई-रिक्शा चलाता है, जबकि मां घरों में काम करती है। पुलिस ने दोनों से पूछताछ लेकिन विशाल का सुराग नहीं लगा, उधर पुलिस की सक्रियता व इंटरनेट मीडिया पर बच्चे के अपहरण की तस्वीरें वायरल होने पर बच्चे को खरीदने वाला जलंधा खुद ही पुलिस के पास बच्चा देने जा पहुंचा। पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
विशाल व मनप्रीत कौर का फिलहाल कोई सुराग नहीं मिला है। एसपी डी रूपिदर भट्टी ने बताया कि विशाल व मनप्रीत के बीच क्या संबंध हैं, इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है, लेकिन जलंधा के साथ बच्चे की एक लाख में डील मनप्रीत कौर ने ही करवाई। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही दोनों को पुलिस गिरफ्तार कर लेगी।