ब्राह्मण भलाई बोर्ड के चेयरमैन सहित चार सदस्यों ने संभाला पदभार
। पंजाब की पूर्व कैप्टन सरकार के कार्यकाल में 30 जुलाई को ब्राह्मण भलाई बोर्ड का गठन कर नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर कर दिए गए थे लेकिन सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया था।
जागरण संवाददाता.मोगा
पंजाब की पूर्व कैप्टन सरकार के कार्यकाल में 30 जुलाई को ब्राह्मण भलाई बोर्ड का गठन कर नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर कर दिए गए थे, लेकिन सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया था। नई बनी प्रदेश की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने मंगलवार की दोपहर ये नोटिफिकेशन सार्वजनिक किया। उसके बाद मंगलवार शाम को ही चंडीगढ़ में चेयरमैन शेखर शुक्ला व तीन अन्य सदस्यों ने पदभार संभाल लिया, जबकि दो सदस्य नहीं पहुंच सके थे।
पदभार संभालने के बाद बोर्ड के चेयरमैन शेखर शुक्ला व अन्य सदस्यों ने पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी से शिष्टाचार मुलाकात की। इस मौके पर चीफ सेक्रेटरी ने बोर्ड की गतिविधियों में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार के सामाजिक न्याय सचिव जी रमेश कुमार के हस्ताक्षर से 30 जुलाई को पंजाब भलाई बोर्ड के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उस समय प्रदेश में कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार काबिज थी। नोटिफकेशन जारी होने के बावजूद जब तक मुख्यमंत्री के रूप में कैप्टन अमरिदर सिंह रहे, उन्होंने नोटिफिकेशन को बाहर नहीं आने दिया।
हालांकि बोर्ड के गठन की सूचना चेयरमैन सहित सभी सदस्यों को पहले ही मिल चुकी थी, पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत के करीबी मोगा के कांग्रेस नेता रवि पंडित के बाद नोटिफिकेशन की फोटो प्रति भी पहुंच गई थी, लेकिन सरकार की ओर से नोटिफिकेशन सार्वजनिक न किए जाने के कारण बोर्ड के अस्तित्व पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। हालांकि मंगलवार को चन्नी सरकार ने नोटीफिकेशन जारी कर चेयरमैन व मौके पर पहुंचे तीन सदस्यों को पद की शपथ दिलाकर उन्हें पदभार सौंप दिया गया।
बोर्ड में सीनियर वाइस चेयरमैन लुधियाना के अजय शर्मा, वाइस चेयरमैन अमृतसर के कृष्ण कुमार शर्मा, पटियाला के हरिदर पाल शर्मा व पटियाला की मीना शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य, गुरदासपुर के डा.हरिदर अग्निहोत्री, जालंधर के रविश शर्मा को सदस्य बनाया गया था। बाद में आठ अगस्त को इस सूची में दो अन्य सदस्य मोगा के रवि पंडित व होशियारपुर के सुनील दत्त को बोर्ड का सदस्य बनाए जाने का अलग से नोटिफिकेशन जारी किया गया।