आनंद देने वाले कार्यो के लिए निकालें समय : सुनील शास्त्री
मोगा देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट के राजनंदनी हाल में 122वां मांगलिक सत्संग बड़ी श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान ट्रस्ट के आचार्य सुनील शास्त्री ने श्रद्धालुओं को आनंद की महिमा बताई।
संवाद सहयोगी, मोगा
देवी दास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट के राजनंदनी हाल में 122वां मांगलिक सत्संग बड़ी श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान ट्रस्ट के आचार्य सुनील शास्त्री ने श्रद्धालुओं को आनंद की महिमा बताई।
उन्होंने कहा कि आनंद देने वाले कार्यो के लिए समय अवश्य निकालें। सिर्फ चक्की पीसने के लिए आपने संसार में जन्म नहीं लिया है। उचित समय पर जीवन का आनंद भी लेना चाहिए। कुछ कार्य हमें प्रतिदिन करने चाहिए और कुछ कार्य जब अनुकूलता हो, तब करने चाहिए। स्वास्थ्य रक्षा और आनंद प्राप्त करने के लिए जो आवश्यक कार्य हैं, उनके लिए सभी को निश्चित रूप से समय निकालना ही चाहिए।
उन्होंने बताया कि सभी के पास अपने-अपने काम हैं। फालतू समय किसी के पास भी नहीं है। फिर भी जो आवश्यक कार्य होते हैं उसके लिए समय निकालना ही पड़ता है। जैसे कहीं शादी विवाह में जाना होता है।किसी रोगी की सेवा करने के लिए जाना पड़ता है। शापिग के लिए जाना पड़ता है आदि।
उन्होंने कहा कि जिन कार्यो को आप आवश्यक समझते हैं, उनके लिए आप समय निकालते हैं। जिन कार्यो को आप आवश्यक नहीं मानते, उनके लिए समय नहीं निकालते और टालते रहते हैं कि चलो फिर कभी देखा जाएगा। कभी समय मिलेगा, तो कर लेंगे। मगर, उस आनंद के लिए हमें प्रभु भक्ति का समय अवश्य निकलना चाहिए। इसके लिए जरूरी है समय अनुसार होने वाले सत्संग समागमों में भाग लें।
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भक्ति कुंज में किया रसमय संकीर्तन
संवाद सहयोगी, मोगा
जवाहर नगर स्थित भक्ति कुंज में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में रसमय संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान ठाकुर जी के भव्य दरबार में पूजन करके हुकम चंद ने ज्योति प्रचंड की। इस दौरान भक्ति रस संकीर्तन मंडल के गायकों ने राधा तुझको पुकारे आजा रे सांवरिया आ जा रे.., तुम बिन जीवन सूना सूना.., दरबार है आओ निराला मेरे ठाकुर का.., हरी का भजन करो हरी है तुम्हारा.., जय गोपाल राधा कृष्ण गोविद गोविद.., राधे राधे श्याम मिला दे.. जैसे भजनों का गायन किया। समागम में ठाकुर जी का भव्य दरबार व छप्पन भोग आकर्षण का केंद्र रहे।
भक्ति कुंज के सेवादार यशपाल पाली ने कहा कि ईश्वर की प्राप्ति प्रभु की शरण में है, जो गुरु भक्ति की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि हर दिन हमारे जीवन के लिए प्रेरणास्रोत है। समागम की समाप्ति पर ठाकुर जी की आरती के बाद प्रसाद बांटा गया।