ट्रक ड्राइवर इंद्रजीत की हत्या : लुटेरों ने छीन लिया विधवा मां का इकलौता सहारा

मृतक ड्राइवर इंद्रजीत सिंह के 21 साल के बेटे ने कुछ दिन पहले ही मजदूरी शुरू की है। उसकी दो बेटियां नौवीं में पढ़ती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:48 PM (IST)
ट्रक ड्राइवर इंद्रजीत की हत्या : लुटेरों ने छीन लिया विधवा मां का इकलौता सहारा
ट्रक ड्राइवर इंद्रजीत की हत्या : लुटेरों ने छीन लिया विधवा मां का इकलौता सहारा

राज कुमार राजू,मोगा

लुटेरों ने विधवा मां से इकलौता सहारा उसका बेटा छीन लिया। परिवार में कमाने वाला वह अकेला ही था। मृतक ड्राइवर इंद्रजीत सिंह के 21 साल के बेटे ने कुछ दिन पहले ही मजदूरी शुरू की है। उसकी दो बेटियां नौवीं में पढ़ती हैं।

मोगा से स्क्रैप लेकर वह मंडी गोबिंदगढ़ एक दिन पहले गया था, तब स्वजनों को उम्मीद नहीं थी कि वह लौटकर नहीं आएगा। लुधियाना में लुटेरों ने स्क्रैप की नौ लाख रुपये की राशि छीनने के साथ ही इंद्रजीत सिंह की हत्या कर डाली। ये सूचना मिलने पर पूरे लंडेके गांव में मातम का माहौल छाया हुआ है।

इंद्रजीत सिंह पुत्र गुरचरण सिंह निवासी गांव लंडेके यहां से स्क्रैप भरकर मोगा से मंडी गोबिंदगढ़ गया था। वहां पर गाड़ी खाली करके लौट रहा था कि रास्ते में लुधियाना जिले के चौकीमाना गांव के निकट लुटेरों ने उससे नौ लाख की राशि लूट ली। वारदात सीटी यूनिवर्सिटी के पास हुई थी। लुटेरों ने उसे घेर लिया था, जिसका इंद्रजीत सिंह ने विरोध भी किया था।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लुटेरों में कुछ को इंद्रजीत सिंह ने पहचान लिया था, यही वजह थी कि लुटेरों ने उससे कैश लूटने के बाद उसकी हत्या कर दी। सूत्रों का कहना है कि हत्यारा भी मोगा जिले का ही हो सकता है। पुलिस को इसके संकेत भी मिल गए हैं। सूत्रों के अनुसार आरोपित लोगों को काबू करके मामले की जांच शुरू कर दी है। गांव लंडेके में छाया मातम

दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार दोपहर को जब मृतक इंद्रजीत सिंह के घर का दौरा किया तो 85 वर्षीय बुजुर्ग मां जिदर पाल कौर का रो-रो कर बुरा हाल था। वह अपनी दो पोतियों के साथ विलाप कर रही थी। बता दें कि इंद्रजीत सिंह अपनी बुजुर्ग विधवा मां का इकलौता सहारा था । इंद्रजीत सिंह दो बेटियों व एक बेटे का पिता था । तीन बच्चों का कर रहा था पालन-पोषण

गांव लंडेके के निवासी मकान मालिक बलवंत सिंह ने बताया कि इंद्रजीत सिंह पिछले करीब 12 वर्ष से उनके मकान में किराये पर रह रहा था। इंद्रजीत मिलनसार और सादा इंसान था। इंद्रजीत सिंह उनको एक पिता की तरह सम्मान देता था । सिमरनजीत बनना चाहती है अध्यापक

नौवीं कक्षा की छात्रा 14 वर्षीय सिमरनजीत कौर व 15 वर्षीय अमनजोत कौर को अपने पिता की मौत का पता लगा तो वे चीख पड़ीं। उन्होंने दैनिक जागरण टीम को बताया कि उनके पिता उन्हें बहुत ही प्यार करते थे। सिमरनजीत कौर ने बताया कि वह नौवीं कक्षा में पढ़ रही है। उसका कहना था कि वह अपने गरीब पिता को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए पढ़ाई पूरी करके टीचर बनने का सपना देख रही थी जो अब शायद ही पूरा हो सके। बेटा मजदूरी करके दे रहा था पिता को सहयोग

गांव लंडेके के निवासी सुखदेव सिंह, सुखविदर सिंह,भोला सिंह आदि ने बताया कि मृतक इंद्रजीत सिंह मूल रूप से भदौड का रहने वाला है। लगभग 40 वर्ष से शहर के बहोना चौक के बाद गांव लंडेके में रह रहा था। उसका 21 वर्षीय बेटा ने कुछ दिन पहले मजदूरी करते हुए बहनों को पढ़ा लिखा कर अपने पांव पर खड़ा करने के लिए परिवार का सहयोग दे रहा था।

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