निगम हाउस की पहली बैठक आज , पार्षद पतियों के लिए बंद रहेंगे दरवाजे

। नगर निगम हाउस की दो अगस्त को होने वाली पहली बैठक में इस बार आधी आबादी का राज होगा। हाउस की बैठक में पार्षद पतियों के लिए दरवाजे बंद रहेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:25 PM (IST)
निगम हाउस की पहली बैठक आज , 
पार्षद पतियों के लिए बंद रहेंगे दरवाजे
निगम हाउस की पहली बैठक आज , पार्षद पतियों के लिए बंद रहेंगे दरवाजे

सत्येन ओझा.मोगा

नगर निगम हाउस की दो अगस्त को होने वाली पहली बैठक में इस बार आधी आबादी का राज होगा। हाउस की बैठक में पार्षद पतियों के लिए दरवाजे बंद रहेंगे।

मेयर नीतिका भल्ला ने आदेश जारी कर दिए हैं कि बिना पास के किसी को भी सदन में आने की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ मीडिया एवं पार्षद ही निगम हाउस की बैठक में प्रवेश कर सकेंगे। इस बैठक में जनता के प्रवेश का भी प्रावधान है लेकिन जनता का कोई भी व्यक्ति या पार्षद अगर बैठक में जाना चाहे तो नियमानुसार उसे मेयर की अनुमति से पास लेना जरूरी होगा। हाउस की बैठक से एक दिन पहले तक किसी ने भी बैठक में जाने के लिए पास की अनुमति नहीं मांगी है। एकमात्र पास के लिए आवेदन आरटीआइ एक्टिविस्ट सुरेश सूद ने किया है। लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली है।

मेयर बनने के बाद नीतिका भल्ला को अभी तक कुछ राजनीतिज्ञ कमजोर मानकर चल रहे हैं। उनका कहना था कि वे राजनीति में नई हैं, लेकिन नीतिका भल्ला पिछले कई दिन से हाउस की बैठक में पीठासीन अधिकारी के रूप में अपने अधिकारों और सदन हाउस चलाने के नियमों की कानूनी बारीकियां सीख रही हैं। कानून के इन्हीं बिदुओं के आधार पर उन्होंने सदन में सिर्फ पार्षद और मीडिया को ही प्रवेश की अनुमति दी है।

हाउस की बैठक से ठीक एक दिन पहले मीडिया से बात करते हुए मेयर नीतिका भल्ला ने कहा कि सदन पूरी तरह से नियम एवं कानून के तहत चलेगा। मेयर का पद संवैधानिक है। मेयर सदन में किसी भी सियासी दल का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, वह सभी निर्वाचित पार्षदों का प्रतिनिधि होता है। निगम के एजेंडे में जिन पार्षदों ने ही नहीं बल्कि जनता के किसी भी व्यक्ति की ओर से उनके क्षेत्र में विकास के प्रस्ताव दिये थे इंजीनियरिग विभाग के माध्यम से मौके का निरीक्षण करने के बाद जहां भी जरूरत महसूस हुई उस क्षेत्र के विकास कार्यों को एजेंडे में शामिल किया गया है। इसमें किसी दल या व्यक्ति विशेष को महत्व नहीं दिया गया है। यही वजह है वार्ड संख्या एक अकाली दल के पार्षद का वार्ड हैं लेकिन वहां डेढ़ करोड़ रुपये के विकास कार्यों को भी एजेंडा में शामिल किया गया है। वार्ड नंबर सात एवं अन्य जहां भी किसी भी वार्ड में विकास के कामों की जरूरत महसूस हुई उसकी पूरी प्रक्रिया के बाद काम विकास एजेंडे में शामिल किए गए हैं। यही वजह है कि पहली बार किसी बैठक के एजेंडे में 28 करोड़ रुपये से ज्यादा के विकास प्रस्तावों को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि सदन के हर सदस्य को पता है कि वर्तमान इमारत निगम के लिए पर्याप्त नहीं है। यही वजह है कि नए म्यूनिसिपल भवन के निर्माण का प्रस्ताव भी एजेंडा में शामिल किया गया है। ताकि निगम के अधिकारी सुचारू ढंग से काम कर सकें। अधिकारियों के पास जब ऑफिस अच्छा होगा, उनके पास वाहन होंगे तो अपना कामकाज ज्यादा बेहतर ढंग से कर सकेंगे। इसमें किसी भी प्रकार के सियासी पक्षपात नहीं किया गया है। सभी को सियासत से से अलग हटकर शहर के विकास में सहयोग देना चाहिए।

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