विधायक हरजोत ने पार्टी में विरोधियों को परास्त कर दूसरे दलों में की सेंधमारी

। कांग्रेस विधायक डा.हरजोत कमल ने अपनी पसंदीदा प्रत्याशियों को निगम की कैबिनेट में पहुंचाकर कांग्रेस पार्टी में ही अपने धुर विरोधियों को करारी शिकस्त दी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:49 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:49 PM (IST)
विधायक हरजोत ने पार्टी में विरोधियों को परास्त कर दूसरे दलों में की सेंधमारी
विधायक हरजोत ने पार्टी में विरोधियों को परास्त कर दूसरे दलों में की सेंधमारी

सत्येन ओझा.मोगा

कांग्रेस विधायक डा.हरजोत कमल ने अपनी पसंदीदा प्रत्याशियों को निगम की कैबिनेट में पहुंचाकर कांग्रेस पार्टी में ही अपने धुर विरोधियों को ही करारी शिकस्त नहीं दी, बल्कि दूसरे दलों में भी सेंधमारी कर स्थानीय राजनीति में अपने बढ़ते प्रभाव को कायम रखा है।

निगम चुनाव के बाद पार्टी में मेयर व अन्य पदों को लेकर भी डा.हरजोत कमल को लंबे समय तक अपने विरोधियों से जूझना पड़ा था, यही वजह थी कि 17 फरवरी को निगम का परिणाम घोषित होने के बाद मेयर के चुनाव में 85 दिन का समय लग गया। शिअद के दविदर तिवाड़ी ने कांग्रेस की मेयर पद की प्रत्याशी नीतिका भल्ला व डिप्टी मेयर अशोक धमीजा के पक्ष में अपना हाथ उठाया, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए अपनी ब्राह्मण समाज से संबंधित प्रवीन कुमार पीना के बजाय करीबी दोस्त शिअद के मंजीत धम्मू के पक्ष में मतदान किया। भाजपा का एक मात्र मत भी कांग्रेस के हाथ के साथ था। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। यही वजह थी कि कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में 34 व 35 वोट मिले। जबकि 50 वार्डों वाले निगम में कांग्रेस के 20 पार्षद चुने गए थे। दस आजाद पार्षदों ने बाद में विधायक डा.हरजोत कमल के पक्ष में समर्थन दे दिया था, तब भी ये संख्या 30 तक पहुंची थी, 15 पार्षद शिअद के, चार आप के व एक भाजपा का पार्षद है, इन तीनों दलों में सेंधमारी के कारण ही कांग्रेस प्रत्याशी के वोटों का आंकड़ा 35 तक पहुंचा, जिसने एक बार तो विरोधी दलों के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है। शिअद 15 के आंकड़े पर खड़ा रहा

मेयर के चुनाव में अकाली दल ने तीनों पदों पर अपने संख्या बल को कायम रखा लेकिन उसके दो पार्षद कांग्रेस के प्रभाव में दिए। हालांकि जब अपने ही पार्षदों ने साथ छोड़ा तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने शिअद के पक्ष में मतदान कर 15 पार्षद की संख्या को नीचे नहीं आने दिया, लेकिन निगम चुनाव में उनके दो पार्षदों के हाथ कांग्रेस के लिए उठे। संयोग से आप के पार्षदों के वोट शिअद प्रत्याशी के पक्ष में पड़ने से संख्या बल में अकाली दल 15 के आंकड़े पर खड़ा रहा। शिअद के हलका प्रभारी बरजिदर सिंह बराड़ मक्खन का कहना है कि कांग्रेस ने शिअद पार्षदों पर काफी दबाव बनाया था, एसएचओ तक के फोन आ रहे थे, लेकिन फिर भी शिअद ने अपने पार्षदों को एक गुट रखने में कामयाबी हासिल की है। सत्ता के दम पर कांग्रेस जीती है।

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