ऊपर का आदेश बता मेयर ने हाउस मीटिंग की मीडिया कवरेज पर लगाया प्रतिबंध

। नए नगर निगम के पहले अधिवेशन में मेयर नीतिका भल्ला ने ये कहते हुए मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगा दिया कि ऊपर से आदेश आए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:39 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:39 PM (IST)
ऊपर का आदेश बता मेयर ने हाउस मीटिंग  
की मीडिया कवरेज पर लगाया प्रतिबंध
ऊपर का आदेश बता मेयर ने हाउस मीटिंग की मीडिया कवरेज पर लगाया प्रतिबंध

जागरण संवाददाता.मोगा

नए नगर निगम के पहले अधिवेशन में मेयर नीतिका भल्ला ने ये कहते हुए मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगा दिया कि ऊपर से आदेश आए हैं। वो ऊपर वाला कौन है जिसने मेयर को आदेश दिए हैं, इसका जबाव देने से पहले ही मेयर अपने कक्ष से उठकर सीधे बैठक हाल में चली गईं, लेकिन जबाव नहीं दिया। मेयर नीतिका भल्ला के इस रवैये से विपक्ष ने उन पर तीखा हमला बोला है। पूर्व मेयर अक्षित जैन तो मेयर नीतिका भल्ला को सलाह दी है कि वे मेयर जैसे संवैधानिक पद की गरिमा नहीं बनाए रख सकती हैं तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, बेहतर हो वे शिक्षक के पद पर लौट जाएं, कम से कम उस पद की गरिमा तो बनी रहेगी। क्या है मामला

नए नगर निगम हाउस की पहली बैठक शुरू होने से एक दिन पहले ही फैसला लिया गया था कि सदन में सिर्फ पार्षद, मीडिया व निगम के अधिकारी ही भाग ले सकेंगे। पार्षद के पति या दूसरे रिश्तेदारों को भी अंदर आने की अनुमति नहीं होगी। बैठक में जैसे ही मीडिया कर्मी पहुंचने लगे तो निगम के मुलाजिमों ने उन्हें निर्देश देना शुरू कर दिए कि आप केवल फोटो करें, उसके बाद बाहर निकल जाएं। मुलाजिमों के निर्देश भरे शब्दों से नाराज लोग अपने कक्ष में मौजूद मेयर नीतिका भल्ला से जानकारी लेने पहुंचे कि आखिर मीडिया पर प्रतिबंध किसने लगाया है तो मेयर नीतिका भल्ला बोलीं कि ऊपर से आदेश आए हैं। जब उनसे पूछा गया कि ये ऊपर वाला कौन है जिसने आदेश दिए हैं तो वे कोई जबाव दिए बिना अपने कक्ष से बाहर निकलीं और बैठक हाल में प्रवेश कर गईं, मीडिया के सवालों का जबाव नहीं दिया। सदन के बीच जब मीडिया ने जानना चाहा कि आखिर मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने के आदेश किसके हैं इसके जबाव में मेयर तो पहले ही मौन साध चुकी थीं, निगम कमिश्नर सुरिदर सिंह के पास भी कोई जबाव नहीं था, जबकि हाउस में मौजूद विधायक डा.हरजोत कमल सिर्फ ये कहते रहे हैं कि मीडिया से हाथ जोड़कर अनुरोध है, बैठक के बाद ब्रीफ कर दिया जाएगा। कवरेज पर प्रतिबंध लोकतंत्र की हत्या

पूर्व मेयर अक्षित जैन ने निगम हाउस की मीटिंग में मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाए जाने को लोकतंत्र की हत्या बताया है। अकाली नेता अक्षित जैन का कहना है कि निगम हाउस सिर्फ मोगा में ही नहीं दुनिया में संवैधानिक पीठ है। मेयर उस पीठ की अध्यक्ष होती हैं, मेयर सुप्रीम पावर होती है। उस पीठ पर बैठकर अगर खुद फैसला नहीं ले सकती हैं, कोई ऊपर वाला उन्हें आदेश दे रहा है तो वे मेयर की गरिमा को गिरा रही हैं। मेयर किसी पार्टी का नहीं निगम हाउस की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने सदन का सर्वोच्च अधिकारी होता है। उसका फैसला सुप्रीम होता है, उस सीट पर बैठकर कोई और ऊपर वाला मेयर को आदेश नहीं कर सकता है। मंशा गलत है, इसलिए मीडिया से भाग रही कांग्रेस

भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सुनील गर्ग एडवोकेट ने कहा कि नगर निगम सदन में मीडिया कवरेज को प्रतिबंधित कर देने से कांग्रेस ने साफ संकेत दे दिया है कि वह अपने गलत कामों से या गलत मंशा से डरती है, कांग्रेस तानाशाही के दम पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को चलाना चाहती है, लोकतांत्रिक व्यवस्था में ये तानाशाही ज्यादा समय तक नहीं चल सकती है। मेयर नीतिका भल्ला ये बताएं कि उनके ऊपर कौन है, जो उन्हें आदेश देता है, अगर उन्हें मेयर पद की सुप्रीम पावर की जानकारी नहीं है तो वे अपने संवैधानिक अधिकारों को पढ़ें, उसे समझें, उसके बाद वे बैठक की अध्यक्षता करें, अन्यथा उन्हें इस पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। अगर वे किसी ऊपर वाले के आदेश पर ही काम कर रही हैं तो ये उनकी नासमझी तो है ही लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है।

कोरोना के कारण ये व्यवस्था बनाई: सुरिदर सिंह

मीडिया के तेवर देख निगम कमिश्नर सुरिदर सिंह ने दलील दी कि कोरोना नियमों के कारण ये व्यवस्था बनाई है, जब उनसे पूछा गया कि सदन में ज्यादातर पार्षद, निगम अधिकारी बिना मास्क, बिना शारीरिक दूरी के हैं, जो सदस्य पानी या चाय आदि सामान्य सर्व कर रहा है उन्होंने भी मास्क नहीं पहन रखा है, क्या कोरोना के नियम सिर्फ मीडिया पर लागू होते हैं, इसका कोई जबाव नहीं मिला।

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