जय श्री महाकाली माता मंदिर में करवाई माता की चौकी
। कोटकपूरा रोड स्थित जय श्री महाकाली मंदिर में माता की चौकी का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा
कोटकपूरा रोड स्थित जय श्री महाकाली मंदिर में माता की चौकी का आयोजन किया गया। भक्तों ने मां काली की पूजा-अर्चना कर कोरोना महामारी को जल्द खत्म करने की प्रार्थना की। जय हंस पांडे शर्मा की अगुआई में रामदेव गर्ग और जसवंत आनंद ने पूजन करज्योति प्रचंड की।
श्रद्धालुओं ने हुंदे मापिया नू पुत्र प्यारे, भक्त प्यारे माई नू,जे मैं हुंदा दातीये मोर तेरे बागा दा, जैसे भजनों का गायन कर मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगवाई। इस दौरान मंदिर कमेटी के सदस्यों ने सभी लोगों से कहा कि कोविड-19 के तहत जारी गाइडलाइन की पालना कर हम इस महामारी से बचाव कर सकते हैं।
पुजारी जय हंस पांडे ने कहा कि काली माता की पूजा करने से सभी दुखों का निवारण होता है। उन्होंने कहा कि जो भक्त सच्चे मन से माता की भक्ति करता है वह अनेक आपदाओं से मुक्त हो जाता है। जय हंस पांडे ने कहा कि इस प्राचीन मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धा भाव से मां की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां के आशीर्वाद से जीवन बहुत ही सुखद हो जाता है।
प्रधान जसवंत राय आनंद ने बताया कि छह फरवरी को भी श्री महाकाली जी का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन पुजारी जय हंस पांडे हवन-यज्ञ करवाएंगे और माता की चौकी का आयोजन किया जाएगा। अटूट लंगर सेवा मंदिर कमेटी के सदस्यों द्वारा चलाया जाएगा।
बगलामुखी मंदिर में श्रद्धालुओं ने किया भजन गायन माता बगलामुखी मंदिर में मां की पूजा कर श्रद्धालुओं ने भजन गायन किया। आचार्य नंदलाल की अगुआई में समाज सेवी गौरव गर्ग, वार्ड 41 की इंचार्ज पायल गर्ग ने विधिवत ढंग से पूजा-अर्चना की।
माता के दरबार में ज्योति प्रचंड की गई। पंडित नंद लाल आचार्य ने कहा कि भक्ति में वह शक्ति है जो मनुष्य को सही मार्ग दिशा प्रदान करती है। वर्तमान में दौड़-धूप भरे जीवन के चलते हर व्यक्ति परेशान है। ऐसे में प्रभु की भक्ति मार्गदर्शन देती है। साधना दस महाविद्याओं में से एक होती है। इनकी कृपा से शत्रु का भय नहीं रहता। देवी मां को प्रसन्न करने के लिए इनकी पूजा करने से घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होती है। घर में सुख शांति बनी रहती है।
पंडित नंद लाल आचार्य ने कहा कि माता की पूजा से सभी विघ्न दूर होते हैं। हम सबको हवन-यज्ञ व संकीर्तन में भाग लेना चाहिए। इस दौरान गायकों ने भजनों के माध्यम से भक्ति रस बिखेरा।