मास्टर माइंड आशावर्कर पुलिस की हिरासत से फरार

जन्म के साथ ही बच्ची को डेढ़ लाख रुपये में बेच देने जैसे संवेदनशील मामलों में बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:30 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:30 AM (IST)
मास्टर माइंड आशावर्कर पुलिस की हिरासत से फरार
मास्टर माइंड आशावर्कर पुलिस की हिरासत से फरार

सत्येन ओझा, मोगा

जन्म के साथ ही बच्ची को डेढ़ लाख रुपये में बेच देने जैसे संवेदनशील मामलों में पुलिस का असंवेदनशील रवैया सामने आया है। मामले की मास्टर माइंड मथुरादास सिविल अस्पताल में ड्यूटी दे रही आशावर्कर को थाना साउथ सिटी पुलिस ने वीरवार को हिरासत में लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की मिलीभगत से उसे सिविल अस्पताल से ही भगा दिया।

बाल भलाई काउंसिल ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करने की लिखित संस्तुति एसएसपी हरमनवीर सिंह से की तो शुक्रवार को असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर जसवीर कौर ने यू टर्न ले लिया। एएसआइ जसवीर कौर ने दावा किया है कि आशावर्कर फरार नहीं है, जब उनसे पूछा गया कि फरार नहीं है तो आखिर है कहां?, काउंसिल के सामने पेश क्यों नहीं किया?, इस पर बोलीं कि अभी जांच चल रही है।

दाई के घर हुई थी डिलीवरी

गौरतलब है कि गीता भवन के सामने कश्मीरी पार्क के गेट के निकट ही हेयर कटिग करने वाले राकेश कुमार की पत्नी नीतू की बग्गेयाना बस्ती में एक ट्रेंड दाई के घर में डिलीवरी हुई थी। नीतू ने बच्ची को जन्म दिया था, दो बेटी व एक बेटा उसके पहले भी हैं। नीतू की एक सहेली ने मथुरादास सिविल अस्पताल में ड्यूटी दे रही एक आशावर्कर से मुलाकात कराई थी। आशावर्कर ने नीतू व दाई से संपर्क मुक्तसर की महिला से करवा दिया था। बच्ची का सौदा डेढ़ लाख में हुआ था। सौदा तय होने के बाद आशा वर्कर ने नवजात बालिका मुक्तसर की महिला के हाथों सौंप दी थी।

पहले हिरासत में, फिर बताया फरार

बाल भलाई काउंसिल के संज्ञान में मामला आने के बाद काउंसिल ने तत्परता दिखाते हुए थाना साउथ सिटी पुलिस को जन्म देने वाले पैरेंट्स, खरीददार महिला व आशावर्कर को उनके समक्ष तलब करने के निर्देश दिए थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार नवजात शिशु को बेचने के बाद भूमिगत हुई आशा वर्कर वीरवार को वापस लौटी थी। वीरवार को ही थाना साउथ सिटी पुलिस की असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर जसवीर कौर ने उसे सिविल अस्पताल में हिरासत में ले लिया था। इसकी सूचना भी सब इंस्पेक्टर ने काउंसिल की अध्यक्ष डा. वरिदर कौर को दे दी थी। डा.वरिदर का कहना है कि कुछ देर बाद फोन करके एएसआई ने सूचित किया कि आशा वर्कर फरार हो गई। आशा वर्कर ने सौंपा था मुक्तसर की महिला को बेटी

इस बीच पता चला है कि बच्ची को खरीदने वाली मुक्तसर की महिला वीरवार को बच्ची के असल मां-बाप, आशा वर्कर से भी मोगा आकर मिलकर गई है, लेकिन पुलिस ये तो दावा कर रही है कि आशावर्कर फरार नहीं है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर आशावर्कर फरार नहीं है तो पुलिस उसे काउंसिल के सामने पेश क्यों नहीं कर रही है, चूंकि आशावर्कर ने बच्ची को मुक्तसर की महिला को सौंपा था, उसी ने सौदा कराया था, ऐसे में बच्ची को खरीदने वाली महिला का पता आशावर्कर की पेशी के बाद ही हो सकता है।

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