लेखक बलदेव सिंह सहदेव की काव्य पुस्तक 'मैं बोला पंजाब' का विमोचन
। लिखारी सभा की ओर से वार्षिक समागम एवं विशाल कवि दरबार करवाया गया।
संवाद सहयोगी,मोगा
लिखारी सभा की ओर से वार्षिक समागम एवं विशाल कवि दरबार करवाया गया। इस दौरान संघर्षशील लेखक बलदेव सिंह सहदेव कनाडा की काव्य पुस्तक 'मैं बोला पंजाब' का विमोचन किया गया।
मंच का संचालन परमजीत सिंह चूहड़क्क ने किया। प्रधानगी मंडल में प्रसिद्ध नावलकार बलदेव सिंह सड़कनामा, आलोचक डा. सुरजीत बराड़, प्रो. सुरजीत सिंह काऊके, कुलवंत सिंह चानी, हरचंद सिंह निवासी कनाडा, बेअंत कौर गिल उपस्थित हुए।
बलदेव सिंह सड़कनामा ने बलदेव सिंह सहदेव की पुस्तक पर कहा कि लेखक को प्रवासी जीवन का अनुभव है तथा पंजाबी सभ्याचार से मोह रखते उसके गीतों में पंजाब धड़कता है। वह गीतों से मानवीय दिलों को बदलता है तथा उनको क्रांति की जरूरत के प्रति जागरूक करता है। डा. सुरजीत बराड़, परमजीत चूहड़चक्क, कुलवंत सिंह चानी ने बलदेव सहदेव की ओर से साहित्यक क्षेत्र तथा मुलाजिम संघर्षों में दिए योगदान की जानकारी दी।
कनाडा से आए प्रसिद्ध लेखक हरचंद सिंह निवासी ने खूबसूरत शब्दों में कहा कि बलदेव सहदेव जिदगी व संघर्ष के कवि हैं। कवि दरबार में शायरों ने खूब रंग बांधा। मास्टर प्रेम कुमार ने गीत, आत्मा सिंह चड़िक, कर्म सिंह कर्म, हरी सिंह ढुडीके, अशोक चुटानी, दिलबाग बुक्कनवाला, आत्मा सिंह आलमगीर, बलवीर परदेसी, मलूक सिंह लौहारा, हरविदर रोडे, चमकौर बाघेवालिया, साधू राम लंगेयाना, जसवीर भलूरिया, चरणजीत समालसर, कुलबीर सिंह सहदेव, हरी सिंह संधू, विश्व नाथ दर्दी, अमरजीत, केशव असीम, परमजीत चूहड़चक्क, बेअंत कौर गिल, बरजिदर कलसी, कर्मजीत कौर, राजेन्द्र सोढ़ी, सर्बजीत कौर माहला, रीत कौर कलसी, पुरुषोत्तम पत्तों, पोहला सिंह बराड़, सुरजीत कालेके, धामी गिल, रंजीत सरांवाली, अरुण शर्मा, दिव्यांश, गुरप्रीत धर्मकोट, अवतार कमाल, जगजीत प्यासा, बिक्कर सिंह बूटा सिंह भट्टी, गुरमेल सिंह चंद नवां, पूर्व डी पी आर ओ ज्ञान सिंह, जीवन सिंह, विवेक कोट ईसे खां, सुखचरण सिंह सिद्धू, विजय कुमार, शीतल सिंह शौकी, हरप्रीत गिल, सर्बजीत भुल्लर, जगदीश चाहल मोही, अमरजीत, प्रेम चावला, मंगलमीत, सुरेंद्र राम कुस्सा, संदीप कौर, भवनजोत कौर, गुरविदर कौर, गुरप्रीत, रंजीत सिंह, मलकीत सिंह, जोगिदर सिंह, डा. सुरजीत बराड़, हरचंद सिंह बासी, हरदयाल सिंह, मंजीत सिंह एडवोकेट, गोरा, दर्शन सिंह आदि ने खूबसूरत कलाम पेश किए।
अंत में सभा के अध्यक्ष सुरजीत सिंह काऊके ने कविता पेश करने उपरांत समागम में शिरकत करने वाले समूह लेखकों व श्रोताओं का धन्यवाद किया।