कार्तिक स्नान महोत्सव 30 तक : पं. पवन गौतम
कार्तिक स्नान महोत्सव 30 तक पं. पवन गौतम
संवाद सहयोगी, मोगा
श्री सनातन धर्म प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी पंडित पवन गौतम ने कहा कि कार्तिक मास के स्नान से शरीर एवं वाणी शुद्ध होकर जीव को परमात्मा से जोड़ते हैं। कार्तिक मास में विशेष रूप से भगवान विष्णु एवं तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। सुबह स्नान आदि के बाद विष्णु (शालिग्राम) तुलसी, पीपल आदि की पूजा करने से सभी प्रकार के पापों से जीव को मुक्ति मिलती है। सुबह व सांयकाल मंदिर में दीपक जलाने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश, ज्ञान की वृद्धि व भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
उन्होंने बताया कि कार्तिक मास का स्नान एवं मर्यादाओं की पालन करने वाला प्राणी अन्न-धन, यश, लक्ष्मी को प्राप्त करता है। कार्तिक स्नान महोत्सव 31 अक्टूबर से 30 नवंबर 2020 तक मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कार्तिक मास हमें भगवान एवं समाज के साथ जोड़ता है। कार्तिक मास में करवाचौथ पति-पत्नी के संबध को दृढ़ता प्रदान करता है। अहोई माता का व्रत माता-पिता व परिवार को एक-दूसरे के प्रति मर्यादाओं का ज्ञान देता है। धनतेरस एवं दीपावली हमें समाज में सभी व्यक्तियों के साथ प्रेम भाव बढ़ाने के अवसर प्रदान करते हैं। अन्नकूट पर्व समाज के सभी व्यक्तियों को भेदभाव मिटाकर सामूहिक रूप से पूजन, खान-पान एवं उत्सव मनाने की शिक्षा देता है।