निगम हाउस की बैठक कल, राजेन्द्रा एस्टेट व एनओसी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगा विपक्ष

। नगर निगम हाउस की बैठक 29 अक्टूबर की शाम को चार बजे बुलाई गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 11:04 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 11:04 PM (IST)
निगम हाउस की बैठक कल, राजेन्द्रा एस्टेट व 
एनओसी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगा विपक्ष
निगम हाउस की बैठक कल, राजेन्द्रा एस्टेट व एनओसी के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगा विपक्ष

सत्येन ओझा.मोगा

नगर निगम हाउस की बैठक 29 अक्टूबर की शाम को चार बजे बुलाई गई है। इसके लिए 22 पेज का एजेंडा जारी कर दिया गया है। इस बार निगम हाउस में विपक्ष ने कांग्रेस को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है। हाल ही में राजेन्द्रा एस्टेट विवाद विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा है। निगम अधिकारियों के दौरे के बाद ये प्रचार किया गया था, सड़कें नगर निगम बना रहा है, जबकि सड़कें कालोनाइजर बनवा रहा है। अधिकारियों के निरीक्षण के बावजूद कालोनी के बराबर ही विकसित की गई अवैध कालोनी के प्रति निगम अधिकारियों की अनदेखी का मुद्दा सदन में गूंजेगा। अधिकारियों के इस रवैये से नगर निगम को 50 लाख से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हो रहा है। कांग्रेस में भी पनप रहा है असंतोष

निगम हाउस की पहली दो बैठकों में विपक्ष को अपने मुद्दे रखने का मौका नहीं मिल सका था लेकिन इस बार मुख्य विपक्षी दल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पार्षदों ने कांग्रेस को सदन में घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। विपक्षी दल ही नहीं, कांग्रेस व उन्हें समर्थन कर रहे कुछ पार्षदों के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एफएंडसीसी की पिछली बैठक में ये प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिल चुका है। तीसरे प्रयास में बैठक हुई थी, तीसरे प्रयास में भी जिस प्रकार से एफएंडसीसी के सदस्यों से प्रस्ताव लाकर उनकी पावर मेयर को सौंपने के फैसले को जिस ढंग से कांग्रेस के ही एफएंडसीसी सदस्यों ने खारिज कर दिया था, उससे साफ है कि कांग्रेस के पार्षद भी अब थोपे हुए निर्णयों को स्वीकार नहीं करेंगे। अब तक निगम में जो हालत हैं उससे कांग्रेस के पार्षदों में भी असंतोष बढ़ता जा रहा है। जमीनों की एनओसी का मुद्दा भी इस बार सदन में छाया रह सकता है। एनओसी का मामला गर्मा सकता है

एनओसी मिलने में जिस प्रकार से शहरवासी निगम दफ्तर में चक्कर लगाने को मजबूर हैं, उससे शहर के सभी दलों के पार्षदों को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। शिअद के पार्षदों का आरोप है कि निगम के अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। कुछ अकाली पार्षद अपने स्तर पर क्षेत्र में विकास के काम कराने का प्रयास करते हैं तो उन्हें रोका जाता है। सदन में शिअद के पार्षदों का नेतृत्व कर रहे शहर अध्यक्ष मंजीत धम्मू ने कहा कि निगम के अधिकारी कांग्रेस नेताओं का ही काम करते हैं। अकाली दल के नेताओं के काम नहीं किए जा रहे हैं, इस समस्या को लेकर अकाली पार्षद सामूहिक रूप से निगम कमिश्नर के दफ्तर के आगे धरना दे चुके हैं लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों के कामकाज की शैली में किसी प्रकार का बदलाव देखने को नहीं मिला। फिर उड़ेगी परंपरा की धज्जियां

नगर निगम का हाउस संवैधानिक पीठ है, यहां पर जनता के हित के मुद्दों पर बैठक होती है। यही वजह है कि संसद, विधानसभा की तरह नगर निगम में भी मीडिया गैलरी का प्रावधान होता है। अनुमति लेकर जनता के लोग भी बैठक की कार्रवाई देख सकते हैं, लेकिन बोल नहीं सकते। निगम की पुरानी परंपरा रही है कि अधिवेशन से एक या दो दिन पहले मेयर सर्वदलीय बैठक अनौपचारिक रूप से बैठक बुलाता है, ताकि एजेंडे में शामिल मुद्दों पर किसी को आपत्ति है तो उसे अधिवेशन से पहले ही सुलझा लिया जाय, ताकि जनहित के मुद्दों पर सदन के अंदर स्वस्थ रूप से चर्चा हो सके। अभी तक कांग्रेस शासित निगम हाउस की पहली दोनों बैठकों में इन परंपराओं का उल्लंघन हुआ है। पहली बैठक में नियमों के खिलाफ जाकर मीडिया को बाहर कर दिया गया था। दूसरी बैठक का समय वही दिन व वही समय रखा गया था, जब शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल मोगा में थे, पहली बार ये परंपरा टूटी थी, इससे पहले सभी दलों के पार्षदों की सहमति से बैठक का समय रखा जाता रहा है, अगर कोई बड़ा नेता भले ही विपक्ष का हो, बैठक नहीं रखी जाती थी। खुद कांग्रेस के पार्षदों में भी अब असंतोष उभरने लगा है। मुख्य मुद्दा विकास ही रहेगा

कांग्रेस के शहरी अध्यक्ष जतिदर अरोड़ा का कहना है कि सदन में कांग्रेस का मुख्य मुद्दा शहर का विकास रहेगा। शहरी अध्यक्ष होने के नाते वे सभी पार्षदों को विकास पर फोकस करने के लिए प्रेरित करेंगे। हालांकि बैठक की सूचना अभी तक उन्हें मिली नहीं है, हो सकता है कि उनके दूसरे प्रतिष्ठान पर पहुंच गई हो।

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