दिव्य ज्योति जागृति संस्थान में मनाई होली
संवाद सहयोगी, मोगा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से रविवार को फाल्गुन उत्सव कार्यक्रम का भव्य
संवाद सहयोगी, मोगा : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से रविवार को फाल्गुन उत्सव कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इसमें संस्थान के संचालक एवं संस्थापक आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या शरया भारती ने होली के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वास्तविक होली भक्त और भगवान के बीच खेली जाती है। सतगुरु के मिलने के बाद शिष्य होली खेला करते हैं। इस फूल को हाथ लगाते ही हाथ पीले हो जाते हैं, लेकिन जैसे ही हाथ धो लिया जाता है तो यह पिला रंग उतर जाता है। इतना कच्चा होता है यह रंग, लेकिन परमात्मा की भक्ति का रंग पक्का है। जो एक बार चढ जाए तो फिर कभी नहीं उतरता। भक्ति के इस रंग में एक सतगुरु रंगरेज बनकर शिष्य को रंगते हैं। साध्वी जी ने कहा कि गुरु ही परमामा का दर्शन करवाते हैं। परमामा के प्रकाश स्वरूप को देख लेने के बाद ही उसके प्रति प्रेम उपजता है। भक्ति की शुरुआत होती है। धीरे-धीरे यह भक्ति इतनी प्रगाढ़ हो जाती है कि आत्मा परमात्मा में मिल जाती है। उसके रंग में रंग में जाती है। यही होली की सच्ची परिभाषा और स्वरूप है। इसके अलावा सुमधुर भजनों का गायन किया गया जिसमें फाल्गुन रंग रंगीलो की धुन पर सभी भक्तजन झूमे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तजनों ने फूलों से होली खेली।