हवन-यज्ञ के उपरांत की सर्वभले की प्रार्थना

। देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट में मांगलिक महासत्संग एवं हवन-यज्ञ करवाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:25 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:25 PM (IST)
हवन-यज्ञ के उपरांत की सर्वभले की प्रार्थना
हवन-यज्ञ के उपरांत की सर्वभले की प्रार्थना

संवाद सहयोगी, मोगा

देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट में मांगलिक महासत्संग एवं हवन-यज्ञ करवाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने सर्वभले के लिए प्रार्थना की। समाज सेविका इंदु पुरी ने कहा कि व्यक्ति को धर्म का आचरण करना चाहिए। धर्म का आचरण करने से शरीर, मन एवं आत्मा को बल मिलता है।

ट्रस्ट के सुनील कुमार शास्त्री ने अपने प्रवचन में कहा कि जिन परिस्थितियों को आप बदल नहीं सकते, उनमें स्वयं को बदल लें, अर्थात अपना विचार बदल लें और मन से सदा प्रसन्न रहें। संसार में प्रत्येक व्यक्ति के विचार संस्कार और कर्म अलग-अलग होते हैं। उसके पूर्व जन्म के संस्कारों के आधार पर वह अपने इस वर्तमान जन्म में सोचता, बोलता और आचरण करता है। सबके विचार व संस्कार अलग-अलग होने के कारण एक जैसी परिस्थिति में सब लोग एक जैसा नहीं सोच पाते। इसी कारण से वे सब परिस्थितियों में प्रसन्न भी नहीं रह पाते। सोचने का ढंग अलग-अलग होने से सब लोग सुखी- दुखी होते रहते हैं। यदि आप दुख से बचना और सुख से जीना चाहते हो तो प्रभु का सिमरन करें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संतोष का पालन करना सीख जाता है, प्रतिकूल परिस्थिति में स्वयं को बदलना सीख जाता है, वे जीवन में कभी भी दुखी नहीं होता। वह सदा सब जगह प्रसन्न रहता है। उसका जीवन सफल हो जाता है। अपनी सोच को सकारात्मक रखें। इस दौरान गायकों ने तेरे दर आन वालेया दी बेड़ी कदे डोल दी नहीं आदि भजनों का गायन किया।

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