देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में सर्वभले के लिए हुआ हवन
। देवीदास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में सर्वभले के लिए हवन किया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा
देवीदास केवल कृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में सर्वभले के लिए हवन किया गया। यज्ञ में वेद मंत्रों का उच्चारण यज्ञ शास्त्री सुनील कुमार ने किया। हवन-यज्ञ के दौरान इंदु पुरी ने कहा कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन श्रीमद् भागवत, गीता एवं वेद, शास्त्रों के अनुसार मनुष्य मात्र का कर्म करने में अधिकार है। फल के विषय में सोचने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य ऐसा प्राणी है जो प्रत्येक कार्य उसके फल प्राप्ति अनुसार ही करना चाहता है। वेद इस बारे में कहते हैं कि तेरा किया हुआ कर्म व्यर्थ नहीं जाएगा। अवश्य में कर्म का परिणाम तुम्हें प्राप्त होगा। मनुष्य जीवन की गुत्थी कर्म रूपी पुरुषार्थ से खुलती है। यह वह चाबी है जिससे हमारे सौभाग्य का निर्माण भी होता है। हमें श्रेष्ठ कर्म ही करने चाहिए। दोषों को छोड़कर अज्ञानता से दूर होकर वेद शास्त्रों के बताए अनुसार कर्म करके हम विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सुनील कुमार शास्त्री ने कहा कि यज्ञ मानव मात्र के लिए सुखकारी है। हवन करने वाले को आनंद प्राप्त होता है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, श्रीमद्भागवत गीता में कहा है कि हमें यज्ञ अवश्य रूप से करना चाहिए। यज्ञ से ही मेघ बनते हैं और मेघ से वर्षा होती है वर्षा से अन्न उत्पन्न होता है, जिससे मानव मात्र सुख को प्राप्त करता है।