देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में आहुतियां डाल की सर्वभले की कामना

। देवीदास केवलकृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में दस दिन से चल रहे चतुर्वेद शतकम महायज्ञ एवं महामृत्युंजय महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 03:44 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 03:44 PM (IST)
देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में 
आहुतियां डाल की सर्वभले की कामना
देवीदास चैरिटेबल ट्रस्ट की यज्ञशाला में आहुतियां डाल की सर्वभले की कामना

संवाद सहयोगी, मोगा

देवीदास केवलकृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट में दस दिन से चल रहे चतुर्वेद शतकम महायज्ञ एवं महामृत्युंजय महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई। इंदु पुरी ने बताया कि आज इस पावन पर्व के अवसर पर हम सभी यह प्रतिज्ञा लें कि जो हमारे जीवन के अंदर कमियां व बुराइयां हैं उनका सदा के लिए नाश कर उन पर विजय करते हुए सदा आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में एक दूसरे का सहयोग करते जीवन को सदा आगे उन्नति के मार्ग पर चलाते रहना चाहिए, यही आज के त्योहार का उद्देश्य है। शास्त्र तथा शस्त्र की रक्षा करें। इससे हमारे यज्ञ, धर्म, राष्ट्र सुरक्षित रहेंगे। चतुर्वेद शतकम महायज्ञ एवं महामृत्युंजय महायज्ञ के ब्रह्मा आचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने बताया कि विजयादशमी पर हर वैदिक धर्मी को शस्त्र पूजा करनी चाहिए। दुनिया में अशांति इसलिए है क्योंकि सज्जनों ने शास्त्रों का त्याग कर दिया है और दुर्जन सदैव की तरह शस्त्रों से लैस हैं यही वजह है कि दुर्जन हावी हैं और धरती पर अनाचार फैलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। एक जिनके पास शस्त्र होता है और दूसरा जिनके पास शस्त्र नहीं होता है। जिनके पास शस्त्र होता है वो सदैव निडर और वीर बने रहते हैं और जिनके पास शस्त्र नहीं होते हैं और वो सदैव भयभीत और कायर पुरुष बने रहते हैं।

उन्होंने कहा कि सत्य तो युधिष्ठिर के भी साथ था लेकिन फिर भी वन वन भटकते रहे.. जब युधिष्ठिर ने शस्त्र उठाया तभी सत्यमेव जयते हुआ। यानी जिसके पास शस्त्र होगा उसी की विजय होगी। उन्होंने कहा कि हम भी नारी शक्ति का सम्मान करें तथा देश व समाज की रक्षा के लिए तत्पर रहें । शारीरिक आत्मिक सामाजिक उन्नति कर लाभ लें।

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तरलोक नरूला

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