10 हजार का चेक पाकर दिव्यांग सुरेश को लगा मानो नई जिदगी मिल गई

विधायक के हाथों दस हजार का चेक मिला तो दिव्यांग सुरेश कुमार को ऐसा लगा मानो उसे नई जिदगी मिल गई हो।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:47 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:47 PM (IST)
10 हजार का चेक पाकर दिव्यांग सुरेश  को लगा मानो नई जिदगी मिल गई
10 हजार का चेक पाकर दिव्यांग सुरेश को लगा मानो नई जिदगी मिल गई

जागरण संवाददाता.मोगा

विधायक के हाथों दस हजार का चेक मिला तो दिव्यांग सुरेश कुमार को ऐसा लगा मानो उसे नई जिदगी मिल गई हो। वह विधायक के पैर छूना चाहता था,लेकिन उन्होंने उसे गले लगा लिया। मैरिज पैलेस में काम करने वाले दिव्यांग सुरेश की कोरोना काल में नौकरी छूट गई थी। दो वक्त की रोटी मुश्किल हो गई थी। अब दस हजार की राशि से वह टी स्टाल खोलकर फिर से परिवार का गुजर-बस कर सकेगा।

कांग्रेस विधायक डा.हरजोत कमल की पहल पर शनिवार को नगर निगम कैंपस में सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को देने के लिए महाकैंप लगाया गया। कैंप में विधायक डा.हरजोत कमल, निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने प्रधानमंत्री स्वयं निधि आत्म निर्भर स्कीम के तहत लाभार्थियों को चेक वितरित किए। कई महीनों से योजना का लाभ लेने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहे जरूरतमंदों को जब विधायक डा.हरजोत कमल ने खुद अपने हाथों से चेक भेंट किए तो एक बुजुर्ग महिला ने उन्हें आशीष दी, वहीं एक नौजवान दिव्यांग भरे गले से उनके पैर छूने लगा तो डा. कमल ने उसे अपने गले से लगा लिया। दस हजार रुपये का ये चेक दिव्यांग के की जिदगी के लिए कितनी अहमियत रखता है, दिव्यांग की ये भावनाएं शब्दों से कम उसके चेहरे पर आए राहत के भाव से ज्यादा अहसास करवा गए।

दिव्यांग सुरेश कुमार का कहना था कि एक मैरिज पैलेस में वह काम करता था। कोरोना काल में उसकी नौकरी छूट गई थी, जो अभी तक नहीं लगी। अपना काम शुरू करने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। लोन के रूप में दस हजार रुपये मिलने से अब वह टी स्टाल खोलकर अपने घर की गाड़ी को फिर से पटरी पर ला सकेगा।

विधायक डा.हरजोत कमल ने इस मौके पर कहा कि दस हजार की ये राशि कहने को बहुत कम है, लेकिन जिनके पास कुछ नहीं है, उनके लिए यही राशि बहुत बड़ी रकम है। इस राशि से छोटा-मोटा काम टी स्टाल, सब्जी की रेहड़ी, फुटपाथ पर कपड़े बेचने जैसे छोटे काम करके जरूरतमंद व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है व परिवार का पालन कर सकता है।

कैंप में सिर्फ 10 हजार रुपये का कर्ज ही मौके पर नहीं दिया गया, बल्कि आयुष्मान भारत के कार्ड के आवेदन भी मौके पर ही जारी किए गए। वहीं सरबत सेहत बीमा योजना के कार्ड बनाए गए। विधायक ने कहा कि आम तौर पर शिकायत रहती है कि सरकारी दफ्तरों में लोगों के काम नहीं होते हैं। कहीं कोई अधिकारी नहीं होता है, कभी कोई मुलाजिम नहीं होता है। लोगों की इसी समस्या का समाधान करने के लिए एक ही जगह सभी संबंधित अधिकारी व मुलाजिमों को बैठाकर योजनाओं के आवेदन करवाए व लाभार्थियों को उनका लाभ दिया गया, ताकि उन्हें दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।

लोगों को स्किल ट्रेनिंग की जानकारी भी दी

एमएलए डा.हरजोत कमल ने कहा कि ये तो अभी शुरूआत है। इस प्रकार के कैंप समय-समय पर लगाए जाते रहेंगे ताकि जरूरतमंद लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर न होना पड़े और जरूरतमंदों को सरकारी योजना को लाभ मिल सके। मौके पर स्किल ट्रेनिग की जानकारी भी लोगों को दी गई ताकि सरकारी योजना के तहत विभिन्न कामों की ट्रेनिग देकर लोग अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने इस योजना को कामयाब बनाने के लिए उन्होंने निगम के सभी अधिकारी व मुलाजिमों के साथ ही दूसरे विभागों से आए अधिकारियों व मुलाजिमों का भी धन्यवाद किया।

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