माता चितपूर्णी मंदिर में गणपति बप्पा मोरिया के जयघोष से भक्तिमय हुआ वातावरण
माता चिंतपूर्णी मंदिर में 10 सितंबर से चल रहे गणेश महोत्सव के बाद भगवान गणेश की पूजा की
संवाद सहयोगी, मोगा : माता चिंतपूर्णी मंदिर में 10 सितंबर से चल रहे गणेश महोत्सव के बाद भगवान गणपति बप्पा की मूर्ति को हरीके पत्तन स्थित सतलुज दरिया में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विसर्जित कर दिया। पुजारी भूपिदर गौतम की अध्यक्षता में श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण से फूलों की वर्षा के जयकारों के साथ गणपति बप्पा को गणपति बप्पा मोरिया अगले वर्ष तू जल्दी आ के साथ विदा किया महिला मंडल की नीतू, शशि, राम मूर्ति, उमा, मीनू, संतोष, वीना, किर रणदीप, सुषमा द्वारा गणपति राखो मेरी लाज, पूर्ण कीजो मेरे काज, मधुर भजनों का गायन किया। हरिके पत्तन स्थित सतलुज दरिया किनारे पहले भगवान भगवान गणपति, भगवान वरुण की पूजा के बाद भगवान गणपति को बप्पा की जयकारों के बीच तेज जलधारा के बीच विसर्जित कर दिया। पंडित भूपिदर गौतम ने बताया कि गणेश जी की भक्ति व पूजा करने से से मन को शांति प्रदान होती है। गणपति जी की आराधना से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते है।
गणपति जी की भक्ति से रोग, शोक नष्ट होते है। मन शांत रहता है। मन शांति से ही सुख प्राप्त होते है। उन्होंने कहा कि गणपति जी की कथाओं से हमें अपने माता पिता की सेवा करने की प्रेरणा मिलती है। माता पिता की सेवा में ही सभी तीर्थो की यात्रा का फल है। मंदिर के प्रधान विजय सिगला, विकास विक्की ने समागम में सहयोग देने पर सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर शीतल कुमार, साहिल वर्मा, विकी, हरीश गरेजा, पवन मंगला, रजत सुखीजा, नीतू वर्मा, नीतू अरोड़ा, मंजू बांसल, हरप्रीत वर्मा, राजिदर मोगा हाजिर थे।