भारत बंद : बाजार रहे बंद, सड़कों पर पसरा सन्नाटा

। शहर में सोमवार को भारत बंद ने मजदूरों से उनकी दिहाड़ी छीन ली और बच्चों से स्कूल की पढ़ाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:20 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:20 PM (IST)
भारत बंद : बाजार रहे बंद, सड़कों पर पसरा सन्नाटा
भारत बंद : बाजार रहे बंद, सड़कों पर पसरा सन्नाटा

राजकुमार राजू.मोगा

शहर में सोमवार को भारत बंद ने मजदूरों से उनकी दिहाड़ी छीन ली और बच्चों से स्कूल की पढ़ाई। बंद में शहर को मिले कूड़े के लगे हुए ढेर। किसान संगठनों के प्रदर्शन के चलते पूरा शहर शाम तक बंद रहा। हाईवे पर जहां सामान्य दिनों में रफ्तार की होड़ रहती थी, हाईवे क्रास करना भी मुश्किल होता था, वहीं सोमवार को भारत बंद के दौरान इक्का-दुक्का दोपहिया वाहन ही गुजरते देखे गए। फिरोजपुर-लुधियाना रेलवे मार्ग पर डगरू फाटक के निकट किसानों के ट्रैक पर बैठने के कारण यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेन रद्द कर दी गई।

किसान संगठनों के भारत बंद को लेकर लोगों में भय इस कदर था कि बंद की पूर्व संख्या में निजी बसों में लोग घर जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बसों की छत पर बैठकर रवाना हुए। बस स्टैंड पर दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। बस सेवा शुरू होने के इंतजार में शाम चार बजे तक यात्री इंतजार करते बस अड्डे पर नजर आए। सड़कों पर जमा लगा होने के कारण बसों के अलावा घर तक पहुंचने का कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था। बस के इंतजार में वही लोग फंसे थे जो किसी तरह मोगा पहुंच गए थे, लेकिन यहां पहुंचते पहुंचते बंद का असर शुरू हो गया था, इनमें से ज्यादातर वे लोग थे जो दूसरे शहरों में अपने बीमार स्वजनों को देखकर घर वापस जाना चाहते थे। मोगा डिपो की बसों ने इन यात्रियों को सुबह मोगा छोड़ दिया, बठिडा या आगे के दूसरे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए उन्हें शाम को चार बजे तक बस सेवा शुरू होने का इंतजार करना पड़ा।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर किसान संगठनों की ओर से घोषित बंद के दौरान मोगा जिले में पांच स्थानों पर किसानों ने हाईवे पर धरना दिया। सुबह से ही शहर भर के बाजार बंद दिखाई दिए, गली-मोहल्लों में जरूर इक्का दुक्का छोटी दुकानें खुली हुई थीं। यात्री फंसे, दिन भर बस स्टैंड पर करते रहे इंतजार

बठिडा के रहने वाले जस्सा सिंह अपनी पत्नी के साथ परसों शाम को मोगा में अपने बीमार रिश्तेदार का हाल जानने पहुंचे था। भारत बंद के दौरान बसें नहीं चलेंगी, इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी, सुबह वह बस स्टैंड पहुंचे तो कोई बस नहीं चल रही थी। उन्हें बताया गया कि शाम को चार बजे के बाद बसें चलेंगी। ऐसे में जस्सा सिंह ने रिश्तेदार के यहां वापस लौटना उचित नहीं समझा, पत्नी सहित पूरे दिन बस स्टैंड पर ही इंतजार में बिताना पड़ा।

बिहार के पूर्निया शहर के निवासी सुशील कुमार शहर में प्लाईबोर्ड फैक्ट्री में काम करते हैं। कल शाम को अपने गांव के लिए जरूरी काम के लिए घर से निकले थे, लेकिन बसें बंद होने के कारण उन्हें बस स्टैंड पर ही शाम तक इंतजार करना पड़ा। लुधियाना जाने के लिए बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे दीपक व कपूरी लाल ने बताया कि मोगा में किसी रिश्तेदार से मिलने आए थे, लेकिन बस न चलने के कारण यहीं पर फंस गए।

यात्री ट्रेनें रहीं रद

भारत बंद के चलते रेलवे ने फिरोजपुर से लुधियाना व लुधियाना से फिरोजपुर चलने वाली दो यात्री ट्रेनें सुबह ही रद्द कर दीं। किसान भारत बंद के दौरान डगरू फाटक पर धरना देकर बैठ गए थे। इसकी सूचना मिलने के बाद रेलवे ने बाकी ट्रेन भी रद कर दीं। पूरा दिन कोई ट्रेन नहीं चल सकी। किसान संगठनों ने सुबह छह बजे से ही ट्रैक पर बैठ गए थे। सुबह छह बजे थाना सदर के प्रभारी इंस्पेक्टर कश्मीर सिंह मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे और लोगों को ट्रैक से हटावाया। इस दौरान इंस्पेक्टर व ट्रैक पर बैठे लोगों के बीच काफी विवाद भी हुआ। कुछ देर बाद किसान फिर ट्रैक पर जाकर बैठ गए। मजदूरों से छिनी दिहाड़ी

भारत बंद के कारण लोग सुबह घरों से ही नहीं निकले। हर रोज नेचर पार्क के निकट मजदूरों की मंडी लगती है, यहां से लोग विभिन्न कामों के लिए मजदूरों को दिहाड़ी पर ले जाते हैं, सामान्य दिनों में नौ बजे तक मजदूर यहां बैठे नहीं दिखते थे। सोमवार को बंद के कारण 12 बजे तक मजदूर यहां मायूसी से बैठे रहे। यही स्थिति प्रताप रोड पर देखी गई, दुकानों पर दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों को दिहाड़ी न मिलने के कारण वे दुकानों के बाहर मायूस होकर बीड़ियां फूंकते नजर आए। बंद पर प्रतिक्रिया पूछने पर सोमप्रकाश व दिलबाग सिंह ने बताया कि बंद में उनकी दिहाड़ी मर गई, कुछ भी हो मजदूर ही पिसता है। यही दर्द शहर में दोनों मंडियों में सब्जी व फलों की रेहड़ी लगाने वाले करीब 500 से ज्यादा लोगों में दिखा, बंद के कारण वे रेहड़ी भी नहीं लगा सके, जिससे दिन की कमाई तो नहीं कर सके, फल व सब्जियां भी काफी मात्रा में बेकार हो गईं।

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