शहीदी स्मारक पर आज लगेगा शहीदों के स्वजनों का मेला

। सद्भाव व एकता के प्रतीक बने मोगा के शहीदी स्मारक पर 25 जून को एक बार फिर शहीदों के परिवार एकत्रित होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:37 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:37 PM (IST)
शहीदी स्मारक पर आज लगेगा शहीदों के स्वजनों का मेला
शहीदी स्मारक पर आज लगेगा शहीदों के स्वजनों का मेला

जागरण संवाददाता.मोगा

सद्भाव व एकता के प्रतीक बने मोगा के शहीदी स्मारक पर 25 जून को एक बार फिर शहीदों के परिवार एकत्रित होंगे। 32 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखा पर हुए आतंकी हमले में जाने गंवाने वाले 25 लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

25 जून, 1989 की सुबह लगभग छह बजे आतंकियों ने नेहरू पार्क में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा पर अंधाधुंध फायरिंग करने के बाद बम धमाके किए थे। आतंकियों के इस नापाक इरादों से 25 स्वयं सेवकों व आसपास के लोगों की मौत हो गई थी। आतंकियों की मंशा थी कि हमले से हिदू-सिखों के बीच नफरत पैदा होगी, लेकिन अपने लालों के खून से लाल धरती को देखने के बाद भी मोगा के लोगों ने संयम व धैर्य का परिचय देते हुए हिदू-सिख एकता की मिसाल कायम की। 33 घायलों को दोनों समुदाय के लोगों ने अस्पतालों में भर्ती करवाया और उन्हें अपना खून दिया। यही कारण है कि 25 जून का वो दिन इतिहास में एकता व सद्भाव के रूप में हमेशा याद किया जाता रहेगा।

घटना वाले दिन 25 जून के दिन हिदू-सिख एकता की एक नई मिसाल पूरी दुनिया के सामने इस शहर ने पेश करते हुए आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। आतंकी चाहते थे हिदू-सिख के बीच तकरार हो, दंगे फैलें। कुछ लोगों के मन में आक्रोश भी था। मगर, तब 26 जून की सुबह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी सांप्रदायिक सौहार्द का अटल विश्वास लेकर यहां पहुंचे थे। गांधी रोड स्थित श्मशानघाट पर जब एक साथ 25 चिताएं सजाई जा रही थीं, तब शहीदों को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी की आंखों ने लोगों की आंखों में जन्म ले रहे अंगारों को पढ़ लिया था। चिताओं को मुखाग्नि देने से पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने जो भाषण दिया था, उसने एक पल में दिलों में पल रही नफरत की चिंगारी को आंसुओं के सैलाब के रूप में बहा दिया। तभी से ये कहानी हिदू-सिख एकता की मिसाल बन गई थी।

शहीद स्मारक समिति के अध्यक्ष डा. राजेश पुरी बताते हैं कि इस वीभत्स हत्याकांड के बाद के जो हालात थे, वह अनुकरणीय थे, मरने वालों में कुछ ऐसे भी थे जिनके घर का कमाने वाला चला गया। कुछ के पास इलाज को पैसे नहीं थे, इन्हीं कुछ घायलों व मरने वालों में समृद्ध परिवार के लोग भी थे। समृद्ध परिवार के लोगों ने अपने प्रियजन को खोने के बाद उसके गम में गमजदा होने के बजाय वे उन लोगों का सहारा बन गए जिनके पास इलाज को पैसे नहीं थे या जिनके परिवार की आर्थिक हालत खराब हो गई थी। सरकार ने किसी प्रकार की मदद नहीं की। शहीद हुए लोगों के परिवारों ने ही जरूरतमंदों की सहायता की और आज तक करते आ रहे हैं। मोगा पीड़ित सहायता व स्मारक समिति की ओर से शहीदों की याद में 25 जून की सुबह आठ बजे हवन होगा। सुबह नौ बजे श्रद्धांजलि कार्यक्रम होगा, जिसमें फिरोजपुर के सीए वीरेन्द्र सिगला मुख्य अतिथि होंगे, जबकि प्रांत प्रचारक नरिदर मुख्य वक्ता होंगे।

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