प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों ने किया पूजन

श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित 15वें गणपति पूजन एवं विसर्जन महोत्सव में महिमा का गुणगान किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 03:18 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 05:45 PM (IST)
प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों ने किया पूजन
प्राचीन शिव मंदिर में भक्तों ने किया पूजन

संवाद सहयोगी, मोगा : श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित 15वें गणपति पूजन एवं विसर्जन महोत्सव में महिमा का व्याख्यान किया गया। इस मौके पर पंडित पवन कुमार गौतम ने कहा कि गणपति जी को हरी दूर्वा अर्पण करने से वंश की वृद्धि होती है और लक्ष्मी स्थिर होती हैं। तुलसी के पत्तों से गणेश जी की पूजा नहीं की जाती है।

इस बारे में पवन गौतम ने बताया कि एक बार तुलसी ने गणेश जी के सन्मुख विवाह का प्रस्ताव रखा था। परन्तु गणपति जी ने इंकार कर दिया तो तुलसी ने गणपति जी को श्राप देकर कहा कि तुम ब्रह्मचारी नहीं रह सकोगे तो तुलसी के श्राप के कारण गणेश जी को रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति हुई। तब गणेश जी ने भी तुलसी को श्राप दिया कि तुम्हे कोई भी देवता पति रूप में प्राप्त नहीं होगा जिस कारण तुलसी को दैत्य वंश में उत्पन्न शंखचूड़ पति के रूप में प्राप्त हुए और कहा कि तुलसी के पत्तों से मेरी पूजा करने वाले की कभी भी मनोकामना पूर्ण नहीं होगी। इसी कारण गणपति पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता। जतिन मुरली ने करो गणपति काज हमारे, मां गौरा का लाला तेरा सबसे तेज निराला भजनों का गायन किया। कथा से पूर्व अजीत पाल मंगला, ललित कुमार विग, कविश अग्रवाल, विनोद मित्तल, कमल मित्तल, शशि गुप्ता, नरेश गुप्ता ने गणपति पूजन में भाग लेकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया। यजमानों को मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से देवेंद्र कुमार गुप्ता, अमित गुप्ता, अशोक बांसल, राजकुमार बांसल, रविद्र गर्ग, अजीत पाल मंगला ने सिरोपा देकर सम्मानित किया।

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