सनातन धर्म शिव मंदिर में पं. गौतम ने सुनाई श्री गणेश की कथा

। श्री सनातन धर्म प्राचीन शिव मंदिर प्रताप रोड मोगा में मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से आयोजित गणपति महोत्सव में भक्तों ने पूजन कर गणपति बप्पा का आशीर्वाद लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 03:14 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 03:14 PM (IST)
सनातन धर्म शिव मंदिर में पं. गौतम 
ने सुनाई श्री गणेश की कथा
सनातन धर्म शिव मंदिर में पं. गौतम ने सुनाई श्री गणेश की कथा

संवाद सहयोगी, मोगा

श्री सनातन धर्म प्राचीन शिव मंदिर प्रताप रोड मोगा में मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से आयोजित गणपति महोत्सव में भक्तों ने पूजन कर गणपति बप्पा का आशीर्वाद लिया। श्रद्धालुओं ने भजनों से भगवान श्री गणेश जी की महिमा का बखान किया।

इस अवसर पर गणपति जी की कथा करते हुए पंडित पवन कुमार गौतम ने बताया कल्प भेद से एक बार गणपति जी के शीश पर शनि देव की दृष्टि पड़ी थी जिस कारण गणपति जी का शीश धड़ से अलग हो गया था। एक बार शनिदेव भगवान कृष्ण की भक्ति में ध्यान मग्न थे। समय अनुसार उनका विवाह हुआ, लेकिन विवाह के बाद भी शनिदेव अपना अधिक समय भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना में व्यतीत करते थे। एक बार उनकी पत्नी अपना पूर्ण श्रृंगार कर पति के पास पहुंची लेकिन शनिदेव ने उसकी तरफ देखा नहीं। पत्नी ने अनेक तरह से शनिदेव का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने का प्रयास किया। परंतु शनि देव भगवान श्री कृष्ण के ध्यान में ही लीन होकर बैठे रहे, तब पत्नी ने क्रोध में आकर श्राप दिया कि आज के बाद तुम जिसे भी देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। तब से ही शनि की दृष्टि को उनके मिले श्राप के कारण अशुभ माना जाता है। गणपति जी के ऊपर जब शनिदेव की दृष्टि पड़ी, उसी वजह से उनका शीश धड़ से अलग हुआ। इस कारण सभी देवताओं को मां पार्वती के कोप का शिकार होना पड़ा। कथा दौरान प्रवीण कुमार, डा. नितिन, गौतम सच्चर, मक्खन बराड़, अश्विनी पिटू, विनोद बंसल, प्रदीप बंसल, डा. अजय कांसल, गोवर्धन बंसल, रविद्र मित्तल, के केकौड़ा, नरेंद्र गर्ग, राकेश मित्तल, पवन गर्ग, घनश्याम गुप्ता, विजय गर्ग, अजिताभ शर्मा, कुणाल शर्मा, अमित नौहरिया, संजू अरोड़ा, बोबी कंडा, रमा गुप्ता ने परिवार सहित गणपति महाराज का पूजन व ज्योति प्रचंड कर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया। आए हुए मेहमानों को देवेंद्र गुप्ता, अशोक बंसल, डा. रजत बंसल, अमित गुप्ता, राजकुमार बंसल, प्रोफेसर अमरजीत अग्रवाल आदि ने सिरोपा देकर सम्मानित किया।

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