बिल्डिंग ब्रांच का रिकार्ड लेकर विजिलेंस टीम चंडीगढ़ रवाना

मोगा चंडीगढ़ से पहुंची स्थानीय निकाय विभाग के विजिलेंस सेल की टीम की कार्रवाई शुक्रवार रात को आठ बजे तक जारी रही। इसके बाद टीम बिल्डिंग ब्रांच का रिकार्ड लेकर चंडीगढ़ रवाना हो गई। इसके साथ ही बचाव के लिए बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों ने अपने राजनीतिक आकाओं से संपर्क साधने शुरू कर दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 11:32 PM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 11:32 PM (IST)
बिल्डिंग ब्रांच का रिकार्ड लेकर विजिलेंस टीम चंडीगढ़ रवाना
बिल्डिंग ब्रांच का रिकार्ड लेकर विजिलेंस टीम चंडीगढ़ रवाना

जागरण संवाददाता, मोगा

चंडीगढ़ से पहुंची स्थानीय निकाय विभाग के विजिलेंस सेल की टीम की कार्रवाई शुक्रवार रात को आठ बजे तक जारी रही। इसके बाद टीम बिल्डिंग ब्रांच का रिकार्ड लेकर चंडीगढ़ रवाना हो गई। इसके साथ ही बचाव के लिए बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों ने अपने राजनीतिक आकाओं से संपर्क साधने शुरू कर दिए हैं।

टीम का नेतृत्व कर रहे विभाग के विजिलेंस सेल के एसडीओ ईशान गोयल ने बताया कि रिकार्ड ले लिया है। मौके की पैमाइश के साथ रिकार्ड से मिलान कराया जाएगा। प्रारंभिक जांच में मामला काफी गंभीर नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि शहर में बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ी संख्या में नियमों को ताक पर रखकर बिल्डिंगें खड़ी की गई हैं। निगम द्वारा इस बारे में नोटिस जारी कर दिए जाते हैं, बाद में मोल-भाव करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। जिन मामलों में नगर निगम सदन में आवाज बुलंद हुई, उन्हें निगम के अधिकारियों ने बिल्डिंगों को अवैध बताया था। मगर, ऐसी बिल्डिंगों के मामले में भी आज तक कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ बिल्डिंगें सील करके सेटिग का खेल चलता है। बाद में बिल्डिंग को उसी रूप में बिना किसी बदलाव के छोड़ दिया जाता है।

इस मामले में बिल्डिंग ब्रांच के एक इंस्पेक्टर दमनप्रीत के नाम तो लिखित शिकायत गई थी, जबकि एक अन्य इंस्पेक्टर का भी वीडियो तैयार कर हाल ही में विजिलेंस सेल को भेजा गया है, जिसमें पुराने मोगा में 1856 वर्ग गज क्षेत्र में एक आवासीय बिल्डिंग का निर्माण किया गया है, जबकि नक्शा 1200 वर्ग गज के करीब बनवाया गया है। ये सेटिग नक्शा तैयार करने वाले के माध्यम से हुई है। पहले फोन पर संकेतों में बात हुई और बाद में डील फाइनल हुई तो ये मामला भी विजिलेंस सेल के पास पहुंच गया है।

सूत्रों का कहना है कि निगम पिछले दो सालों में अवैध बिल्डिंगों के मामले में करीब 300 से ज्यादा नोटिस निकाल चुका है। मगर, 16 बिल्डिंगों को सील करने के बाद बाद में बिना किसी बदलाव के उनकी सील भी खुलवा दी गई है।

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