35 सरकारी पेड़ काटने वालों के खिलाफ 13 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं
समालसर में एक एनआरआई द्वारा दी जमीन पर वन विभाग द्वारा लगवाए 35 से ज्यादा सफेदे के पेड़ कुछ लोगों ने काट दिए। इनकी देखरेख करने वाले समाजसेवी ने जब विरोध किया तो उक्त लोगों ने धमकियां दी। समाजसेवी संगठनों ने इसकी सख्त शब्दों में निदा की। जिला प्रशासन से मांग की है कि पौधे काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। थाना समालसर पुलिस ने लिखित शिकायत के 13 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
संवाद सहयोगी, मोगा : समालसर में एक एनआरआई द्वारा दी जमीन पर वन विभाग द्वारा लगवाए 35 से ज्यादा सफेदे के पेड़ कुछ लोगों ने काट दिए। इनकी देखरेख करने वाले समाजसेवी ने जब विरोध किया तो उक्त लोगों ने धमकियां दी। समाजसेवी संगठनों ने इसकी सख्त शब्दों में निदा की। जिला प्रशासन से मांग की है कि पौधे काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। थाना समालसर पुलिस ने लिखित शिकायत के 13 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
फिनलैंड में रह रहे बुग्गीपुरा निवासी एनआरआई चरणजीत शर्मा ने गांव समालसर में अपनी 15 एकड़ जमीन में से डेढ़ एकड़ जमीन प्रशासन को पौधारोपण के लिए दे दी थी। पांच साल पहले डीसी ने उस जगह में वन विभाग के माध्यम से पौधारोपण मुहिम शुरू कराई थी। कुल 1350 सफेदे के पौधे लगाए गए थे, जिनके रख-रखाव की जिम्मेदारी सजवंत सिंह निवासी बुग्गीपुरा को सौंपी गई थी। दस जुलाई को जब सजवंत सिंह वृक्षों की देखभाल के लिए गांव समालसर गया तो देखा कि साथ वाली जमीन के मालिक पेड़ काट रहे थे। उसके पहुंचने तक 35 पेड़ काटे जा चुके थे। सजवंत सिंह ने पेड़ काटने वालों का विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकियां दी गई। पीड़ित ने इस मामले में थाना समालसर में लिखित शिकायत दी थी है, लेकिन घटना के 13 दिन बीत जाने के बावजूद जिला प्रशासन ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इसको लेकर वातावरण प्रेमियों व समाज सेवी संस्थाओं में भारी निराशा पाई जा रही है।
नरोया पंजाब मंच के जिला कन्वीनर महेन्द्र पाल लूंबा, गुरसेवक सिंह सन्यासी, रूरल एनजीओ के अध्यक्ष दविदरजीत सिंह गिल ने जिला प्रशासन से मांग की कि पेड़ काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।