हिदू संगठनों के शिष्टमंडल ने एसपी को सौंपा ज्ञापन
। भाजपा जिलाध्यक्ष विनय शर्मा इस्कान प्रचार समिति मोगा इकाई के अध्यक्ष देवप्रिय त्यागी के नेतृत्व में विभिन्न हिदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को एसएसपी के नाम एक ज्ञापन एसपी (डी) गुरदीप सिंह को सौंपा।
जागरण संवाददाता.मोगा
भाजपा जिलाध्यक्ष विनय शर्मा, इस्कान प्रचार समिति मोगा इकाई के अध्यक्ष देवप्रिय त्यागी के नेतृत्व में विभिन्न हिदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को एसएसपी के नाम एक ज्ञापन एसपी (डी) गुरदीप सिंह को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि भगवान जगन्नाथ रथयात्रा को ड्रामा बताकर हिदुओं की धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाय, अन्यथा हिदू संगठन बड़े स्तर पर संघर्ष के लिए मजबूर होंगे। एसपी (डी) ने भरोसा दिया कि वे उनकी पूरी बात को एसएसपी तक पहुंचाकर इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ कार्रवाई करेंगे। इस मौके पर डीएसपी सिटी बरजिदर सिंह भुल्लर भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही शहर के करीब 20 से ज्यादा धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के प्रति अपमानजनक शब्दावली का प्रयोग करने वालों के खिलाफ बैठक तक कार्रवाई की मांग की थी। इसी के तहत बुधवार को हिदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने पैदल मार्च निकालकर एसएसपी आफिस में ज्ञापन सौंपने का फैसला किया था। एसएसपी ने हिदू नेताओं से आग्रह किया था कि वे पैदल मार्च के रूप में ज्यादा भीड़ जुटाकर न आएं, क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते सावधानी रखने की जरूरत है। हिदू संगठन के प्रतिनिधियों ने एसएसपी के इस आग्रह को सहर्ष स्वीकार करते हुए बाद में सात-आठ लोग ही प्रतिनिधिमंडल के रूप में एसएसपी आफिस पहुंचे थे, जहां एसपी डी गुरदीप सिंह ने ज्ञापन लिया। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट अमित घई, श्याम सेवा संघ के दिनेश गुप्ता, भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष हितेश गुप्ता, भाजपा स्थानीय निकाय मोर्चा के जिला संयोजक सोनी मंगला, जितेश शर्मा, एडवोकेट प्रदीप भारती, बंटू जैसवाल, राम बचन, एडवोकेट वरिन्द्र गर्ग, राहुल शुक्ला,चेतन तुलानी, विजय मिश्रा, राघव शुक्ला, खत्री सभा के दीपक कौड़ा आदि शामिल थे।
भाजपा नेता विनय शर्मा एवं इस्कान प्रचार समिति के अध्यक्ष देवप्रिय त्यागी ने कहा कि हिदू संगठनों की सहिष्णुता व सहनशीलता को कुछ लोग कमजोरी समझने की गलती कर रहे हैं, लेकिन अब वक्त आ गया है कि ऐसे लोगों पर अंकुश लगाना जरूरी है। हिदू भावनाओं को भड़काने वाले इस मुद्दे पर अभी आंदोलन की शुरूआत है, बहुत ही शांतिप्रिय ढंग से इसे आगे बढ़ाएंगे, लेकिन जिला प्रशासन या पुलिस ने जानबूझकर मामले को लटकाने का प्रयास किया तो फिर आंदोलन को आक्रामक रूप भी देंगे।