ब्रह्मलीन स्वामी वेदांतानंद जी महाराज का कटआउट स्थापित

। गीता भवन में व्यास पूर्णिमा के मौके पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा व महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद हरिद्वार से पहुंचे संत वेदांत प्रकाश जी एवं संत सागर मुनि जी महाराज को शनिवार को श्रद्धालुओं ने विदा किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:54 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:08 PM (IST)
ब्रह्मलीन स्वामी वेदांतानंद जी  महाराज का कटआउट स्थापित
ब्रह्मलीन स्वामी वेदांतानंद जी महाराज का कटआउट स्थापित

जागरण संवाददाता.मोगा

गीता भवन में व्यास पूर्णिमा के मौके पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा व महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद हरिद्वार से पहुंचे संत वेदांत प्रकाश जी एवं संत सागर मुनि जी महाराज को शनिवार को गीता भवन के श्रद्धालुओं ने विदा किया तो पूरा माहौल भावनाओं के समंदर में डूब गया।

श्रीमद्भागवत कक्षा के दौरान संत व श्रद्धालुओं के मध्य जो आत्मीयता व मार्गदर्शक के संबंध बने थे,उसका भावपूर्ण नजारा देखने को मिला। संतों को विदा करते हुए श्रद्धालुओं की आंखों से भावनाओं का समंदर आसुओं के रूप में बह निकला। इससे पहले दोनों संतों ने गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ स्वामी वेदांतानंद ही महाराज का कटआउट उनकी समाधि स्थल पर स्थापित कर गुरु पूर्णिमा के दिन उन्हें सम्मान दिया। इस मौके पर स्वामी वेदांत प्रकाश जी, सागर मुनि जी महाराज, के अलावा पं.रामप्रकाश, गोपाल पंडित, पंडित गुलाब, रविदर के अलावा सुनील गर्ग एडवोकेट, पवन अग्रवाल आदि भी मौजूद थे।

स्वामी वेदांत प्रकाश जी महाराज ने आगामी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि 22 अगस्त से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर गीता भवन में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन होगा। साथ ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए अभी से व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। श्रीमद्भागवत कथा में वृन्दावन से स्वामी रामकृपालु त्रिपाठी जी भागवत कथा करेंगे।

इससे पूर्व शुक्रवार की देर शाम को व्याज पूजन के अंतिम दिन गीता भवन के महिला मंडल ने कीर्तन के माध्यम से जदौं मन डोले तेरा गुरु न याद करिया कर, गुरा दे दर ते आके तू फरयाद करया कर, मेरे गुरु द द्वारा नई द्वारा रब द जे नई देखिया ते देख ले नजारा रब दा, जीवन का मुझको आनंद आ गया जदों द मैं यह शहनशाह पा लिया, तेरिया चरणा च मेरी अरदास सतगुरु हर दम बनिया रहे मेरा विश्वास सतगुरु .. आदि भजनों से भक्ति रस बिखेरा। अंत में महाआरती के प्रसाद वितरित किया गया।

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