लिखित माफीनामा के बाद पार्षद व आशा वर्करों का विवाद खत्म

मोगा शहर में तीन दिन से चल रहे हाईप्रोफाइल ड्रामे का शुक्रवार दोपहर को नवनिर्वाचित पार्षद भरत गुप्ता द्वारा लिखित माफी मांगने के साथ अंत हो गया। इसके बाद आशा वर्करों ने घोषणा की है कि वे पुलिस को दी गई अपनी शिकायत वापस ले लेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:36 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:58 AM (IST)
लिखित माफीनामा के बाद पार्षद व आशा वर्करों का विवाद खत्म
लिखित माफीनामा के बाद पार्षद व आशा वर्करों का विवाद खत्म

संवाद सहयोगी, मोगा

शहर में तीन दिन से चल रहे हाईप्रोफाइल ड्रामे का शुक्रवार दोपहर को नवनिर्वाचित पार्षद भरत गुप्ता द्वारा लिखित माफी मांगने के साथ अंत हो गया। इसके बाद आशा वर्करों ने घोषणा की है कि वे पुलिस को दी गई अपनी शिकायत वापस ले लेंगी। वीरवार को नवनिर्वाचित पार्षद के सामने उस समय मुश्किलें पैदा हो गई थीं जब आशा वर्कर विधायक डा. हरजोत कमल के कार्यालय में पहुंच गई थीं और कार्रवाई की मांग को लेकर चार घंटे तक जमी रही थीं। तब मौके पर पहुंचकर खुद डीएसपी (सिटी) बरजिदर सिंह भुल्लर की मौजूदगी में थाना साउथ सिटी के एसएचओ बलराज मोहन ने बयान दर्ज किए थे।

आशा वर्कर व नवनिर्वाचित पार्षद के मध्य विवाद तो खत्म हो गया, लेकिन बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि आखिर वह पूजा गुप्ता नामक युवती कौन है, जिसका कोविड टेस्ट पाजिटिव आया है। जिस पूजा गुप्ता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, वह न तो मोगा की है और न ही वह मोगा के सिविल अस्पताल में कभी कोरोना टेस्ट कराने पहुंची है। इसका जबाव कौन देगा? इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।

पांच मई को आशा वर्कर सुखबिदर कौर व मनप्रीत कौर दोपहर में सरदार नगर में एक संक्रमित महिला की चेकिग करने सुनीता गुप्ता नामक महिला के यहां पहुंची थी। आशा वर्करों ने संक्रमित महिला का नाम लेते हुए पूछा कि क्या वह संक्रमित है। इतना पूछते ही घर के बाहर निकली महिला सुनीता ने मना किया और कहा कि वह कभी कोविड टेस्ट कराने नहीं गईं और न ही पूजा गुप्ता नामक कोई युवती उनके घर में रहती है। आशा वर्करों ने जब ये कहा कि वह तो चली जाएंगी, लेकिन वे सच नहीं बोलेंगी तो एंबुलेंस आकर उन्हें ले जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के पास संक्रमित पाई गई महिला का फोन नं. भी नहीं था।

एंबुलेंस की बात सुनकर सुनीता गुप्ता डर गई थीं। उन्होंने सहायता के लिए निर्वाचित पार्षद को बुला लिया था। इस पर भरत गुप्ता ने यह टिप्पणी कर दी कि ये तो ऐसे ही घूमती रहती हैं, इस पर विवाद भड़क गया था।

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रात में लिखी थी समझौते की पटकथा

दो दिन तक आशा वर्कर कार्रवाई को लेकर धरना प्रदर्शन करती रहीं। अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाती रहीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वीरवार शाम को पुलिस ने बयान दर्ज कर एफआइआर की तैयारी कर ली थी। तब फिर से राजनीतिक क्षेत्र में दबाव बनाकर समझौते की नींव रात में ही लिख दी गई थी। शुक्रवार दोपहर में वीरवार रात को बनी रणनीति के तहत निर्वाचित पार्षद भरत गुप्ता अकाली दल के ही नवनिर्वाचित पार्षद मंजीत धम्मू, सुखचैन सिंह रामूवालिया, रिशू अग्रवाल, गुरमीत सिंह ढिल्लों आदि के साथ सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां असिस्टेंट सिविल सर्जन डा. जसवंत सिंह, एमएमओ डा. सुखप्रीत सिंह बराड़ की मौजूदगी में आशा वर्करों को लिखित माफीनामा दिया, जिसे पढ़कर सुनाया। इसमें भरत गुप्ता ने पांच मई की घटना पर खेद व्यक्त किया था। माफीनामा मिलने के बाद मामला खत्म हो गया।

आशा वर्कर एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष संदीप कौर, आशा वर्कर पिकी व कर्मजीत कौर का कहना है कि माफीनामा मिलने के बाद उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया है। जरूरत पड़ी तो पुलिस में बयान भी दर्ज कराकर अपनी शिकायत वापस ले लेंगी।

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