पहले दिन 40 निजी चिकित्सकों ने लगवाई कोरोना वैक्सीन
। कोरोना वैक्सीन निजी चिकित्सकों के हाथों में पहुंचते ही पहले ही दिन में रिकार्ड 40 चिकित्सकों व स्टाफ को वैक्सीन लगाई गई।
सत्येन ओझा/राजकुमार राजू.मोगा
कोरोना वैक्सीन निजी चिकित्सकों के हाथों में पहुंचते ही पहले ही दिन में रिकार्ड 40 चिकित्सकों व स्टाफ को वैक्सीन लगाई गई। वह भी उस स्थिति में जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार दोपहर एक बजे के बाद जिन लोगों को वैक्सीन लगानी थी, उसकी सूची उपलब्ध कराई। सूची पहले ही मिल जाती तो वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या काफी ज्यादा होती।
एक भी वैक्सीन को निजी चिकित्सकों ने खराब नहीं होने दिया। इससे पहले सरकारी सिस्टम में दो स्थानों पर तीन दिन चले वैक्सीनेशन में कुल 54 लोगों को वैक्सीन लगाई थी, लेकिन लक्ष्य पूरा न हो पाने के कारण 16 डोज खराब हो गई थीं। इससे साफ संकेत है कि सरकार में बैठे मुलाजिम हड़ताल व धरने में तो सबसे आगे रहते हैं, लेकिन आम आदमी की जिदगी से जुड़े राष्ट्रीय वैक्सीनेशन कार्यक्रम में वे सबसे पीछे दिखाई दिए।
निजी केन्द्र पर वैक्सीनेशन के पहले दिन आईएमए के अध्यक्ष डॉ.संजीव मित्तल के पुराना दशहरा ग्राउंड रोड स्थित मित्तल अस्पताल में वैक्सीनेशन दोपहर डेढ़ बजे के बाद शुरू हो सका। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन लोगों की सूची एक बजे के बाद उपलब्ध करवाई थी, जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी हैं। उसके तत्काल बाद वैक्सीनेशन के लिए संबंधित लोगों को बुलाया गया। पहला टीका आइएमए अध्यक्ष डा.संजीव मित्तल ने खुद लगवाया। बाद में अन्य निजी चिकित्सकों ने टीके लगवाए। कुल मिलाकर निजी क्षेत्र में वैक्सीनेशन को लेकर सरकारी सिस्टम की तुलना में ज्यादा उत्साह देखा गया। कोरोना काल में भी निभाया था फर्ज
डा. संजीव मित्तल का कहना है कि कोरोना काल में भी आइएमए के अधीन निजी चिकित्सकों ने बढ़ चढ़कर सहयोग किया था। सैकड़ों मरीजों को मुफ्त दवाइयां तक उपलब्ध कराई थीं। वैक्सीनेशन में भी आइएमए सबसे आगे रहेगी। उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में बुधवार को उनके 88 वर्षीय पिता डाक्टर स्वतंत्र राय मित्तल, पत्नी डाक्टर सुकन्या मित्तल, डॉक्टर शिव आरती, डा. विनोद गर्ग, डाक्टर सरिता गर्ग समेत उनके अस्पताल में बने ब्लड बैंक के पूरे स्टाफ ने वैक्सीन लगवाई है।