कोरोना टीकाकरण : सिविल सर्जन ने स्वयं सेवियों को बुलाया, मेडिकल अफसर ने अभद्र व्यवहार कर बाहर निकाला

कोरोना वैक्सीनेशन के शुभारंभ के लिए सिविल सर्जन डा.अमरप्रीत कौर ने एक दिन पहले शहर की प्रमुख समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को फोन करके आमंत्रित किया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 06:30 AM (IST)
कोरोना टीकाकरण : सिविल सर्जन ने स्वयं सेवियों को बुलाया, मेडिकल अफसर ने अभद्र व्यवहार कर बाहर निकाला
कोरोना टीकाकरण : सिविल सर्जन ने स्वयं सेवियों को बुलाया, मेडिकल अफसर ने अभद्र व्यवहार कर बाहर निकाला

सत्येन ओझा/राजकुमार राजू, मोगा

कोरोना वैक्सीनेशन के शुभारंभ के लिए सिविल सर्जन डा.अमरप्रीत कौर ने एक दिन पहले शहर की प्रमुख समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को फोन करके आमंत्रित किया था। सिविल सर्जन के आमंत्रण पर कई समाजसेवी निर्धारित समय से पहले ही सिविल सर्जन आफिस के वैक्सीनेशन रूम में पहुंच गए थे।

वेक्सीनेशन शुरू होने पर हुई देरी के चलते करीब सवा घंटे इंतजार के बाद सिविल सर्जन के आमंत्रण पर पहुंचे समाजसेवियों को उनके अधीन काम करने वाली एक महिला मेडिकल अफसर ने बहुत ही अभद्र ढंग से सभी को बाहर कर दिया, मीडिया को भी बाहर निकाल दिया। जिससे नाराज ज्यादातर समाजसेवी वहां से वापस चले गए। बाद में वैक्सीनेशन के शुभारंभ के लिए पहुंचे विधायक डा.हरजोत कमल को जब इसका पता चला तो तो वह तीन समाजसेवियों को खुद अंदर ले गए, उससे पहले अधिकांश मेडिकल अफसर के व्यवहार से नाराज होकर वहां से जा चुके थे।

सिविल सर्जन डा.अमरप्रीत को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने मेडिकल अफसर डा.हरसिमरत खोसा के इस व्यवहार पर खेद जताया। उन्होंने बड़े दुखी मन से कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, ये बहुत गलत हुआ है।

गौरतलब है कि लंबी प्रतीक्षा के बाद कोरोना वैक्सीन आने पर हर किसी को उत्सुकता थी कि वेक्सीन का क्या असर रहेगा। कोरोना काल में अपनी जिदगी को दांव पर लगाकर दूसरों की जिदगी बचाने वाले चिकित्सकों में ये उत्सुकता सबसे ज्यादा थी। यही वजह थी कि सिविल सर्जन डा.अमरप्रीत कौर ने एक दिन पहले ही फैसला ले लिया था कि सबसे पहले वही वैक्सीन लगवाएंगी, ताकि लोगों में एक अच्छा संदेश जाएगी। इसी सोच के साथ उन्होंने शहर की कई समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि जिनमें क्रैंबिज स्कूल के डायरेक्टर दविदर पाल सिंह रिपी, एनजीओ कोआर्डिनेटर एसके बंसल, वरिष्ठ नागरिक एवं गोपाला गौशाला के प्रबंधक चमनलाल गोयल, प्रियवर्त गुप्ता, संजीव नरूला, राजीव गुलाटी, कोरोना काल में मास्क व सैनिटाइजर वितरण में सबसे आगे रहीं फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद आदि को खुद फोन करके उन्होंने वैक्सीनेशन शुभारंभ के मौके पर पहुंचने के लिए आमंत्रित किया था।

ये सभी लोग निर्धारित से पहले ही सिविल सर्जन ऑफिस में पहुंच गए थे। इसी दौरान मथुरादास सिविल अस्पताल में 10 अक्टूबर को एक दूसरे राज्य की महिला की फर्श पर हुई डिलीवरी के मामले में लापरवाही में चर्चा में आईं मेडिकल अफसर डा.हरसिमरत खोसा पहुंचीं। उन्होंने अभद्र अंदाज में सभी एनजीओ प्रतिनिधि व मीडिया के लोगों को कमरे से बाहर चले जाने का फरमान जारी कर दिया। कुछ लोगों ने तर्क देने का प्रयास किया कि उन्हें सिविल सर्जन ने बुलाया है, लेकिन डा.खोसा किसी की बात नहीं सुनी। न्होंने बड़े ही अभद्र ढंग से पेश आते ही सभी को बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इससे नाराज दविदर पाल सिंह रिपी ने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार बहुत ही अशोभनीय है। ये कहकर वे वहां से वापस चले गए, उन्हीं के साथ फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद व अन्य समाजसेवी वहां से वापस चले गए।

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