मूर्ति प्रकरण में ठेकेदारों का फंसा करीब 15 लाख का भुगतान

शहर में लगे दो मूर्तियां व पीडब्ल्यूडी की जगह में तिकोना पार्क विकसित करने के मामले में निगम के ठेकेदारों का करीब 15 लाख रुपये का भुगतान फंस गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 10:46 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 10:46 PM (IST)
मूर्ति प्रकरण में ठेकेदारों का फंसा करीब 15 लाख का भुगतान
मूर्ति प्रकरण में ठेकेदारों का फंसा करीब 15 लाख का भुगतान

सत्येन ओझा, मोगा : शहर में लगे दो मूर्तियां व पीडब्ल्यूडी की जगह में तिकोना पार्क विकसित करने के मामले में निगम के ठेकेदारों का करीब 15 लाख रुपये का भुगतान फंस गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का होने के कारण अधिकारियों ने रिकार्ड में खुद को तो बचा लिया लेकिन ठेकेदार फंस गए। स्थानीय निकाय विभाग से मूर्ति लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिले बिना मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पुरानी दाना मंडी में महाराजा अग्रसेन जी महाराज व कोटकपूरा बाईपास चौराहे पर महाराजा जस्सा सिंह रामगढि़या की मूर्तियों का अनावरण कर दिया था। इस प्रस्ताव को स्थानीय निकाय विभाग से अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। क्या है मामला

नगर निगम हाउस की 29 अक्टूबर की बैठक में शहर में पुरानी दाना मंडी में महाराजा अग्रसेन जी महाराज, कोटकपूरा बाईपास चौराहे पर अंडरब्रिज के नीचे महाराजा जस्सा सिंह रामगढि़या व वेदांतानंद पार्क की पार्किंग में गीता का उपदेश देते भगवान कृष्ण की मूर्ति लगाने के लिए 14.90 लाख रुपये के नगर निगम के फंड से प्रस्ताव पास करके डायरेक्टर स्थानीय निकाय विभाग को चंडीगढ़ भेजा गया था। स्थानीय निकाय विभाग ने 29 अक्टूबर की हाउस की बैठक में पास हुए सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। सिर्फ 14.90 लाख रुपये की लागत से तीन मूर्तियां लगने के प्रस्ताव को 16 नवंबर को इस टिप्पणी के साथ नगर निगम को पत्र जारी कर दिया कि निगम फंड से मूर्ति लगाने के मामले में चीफ इंजीनियर से राय ली जा रही है। सरकारी फंड से मूर्ति लगाने की मंजूरी नहीं

नगर निगम के अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट का 18 जनवरी 2013 को आदेश मिला जिसमें आदेश के क्रम संख्या-4 में स्पष्ट लिखा है कि राज्य सरकार सरकारी फंड, ग्रांट से किसी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार की मूर्ति बनाने की अनुमति न दे। इस आदेश के आने के बाद अधिकारियों ने खुद को बैकफुट पर कर लिया था। एक बार तो इस मामले को लेकर सीएम का दौरा खटाई में पड़ गया था, बाद में सीएम ने 25 नवंबर को ही मूर्तियों के अनावरण की मंजूरी दे दी थी। सीएम का कार्यक्रम तय होने के बाद निगम के अधिकारियों ने ठेकेदारों को वर्क परमिट जारी किए बिना ही गुडफेथ में मूर्ति का काम पूरा करने की जिम्मेदारी सौंप दी। रुक सकते हैं विकास के काम

महाराजा जस्सा सिंह रामगढि़या व महाराजा अग्रसेन जी के मूर्ति बनाने की जिम्मेदारी लुधियाना के ठेकेदार को दी गई थी। सीएम ने निर्धारित दिन मोगा पहुंचकर भगवान अग्रसेन जी महाराज व महाराज जस्सा सिंह रामगढि़या की मूर्तियों का अनावरण भी कर दिया, लेकिन सरकार से मंजूरी न मिलने के कारण ठेकेदार अब भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी भुगतान के बिल तैयार करने को तैयार नहीं है। पीडब्ल्यूडी की जगह में बनवाया पार्क

कोटकपूरा बाईपास पर जिस स्थान पर महाराजा जस्सा सिंह रामगढि़या जी की प्रतिमा स्थापित की है, वो पीडब्ल्यूडी की जगह है। निगम ने मूर्ति लगाने के लिए तो पीडब्ल्यूडी से अनुमति ले ली थी, लेकिन वहां एक तिकोना पार्क भी पीडब्ल्यूडी की जगह में कई लाख रुपये की लागत से बनवा दिया। नियमानुसार पीडब्ल्यूडी की जगह में निगम अपना फंड खर्च नहीं कर सकती है, ये काम मोगा के ही ठेकेदार ने किया था। इस मामले की शिकायत होने के बाद अब अधिकारियों ने पलटी मार ली है, ठेकेदार परेशान हो रहे हैं। ठेकेदारों की मानें तो इन सारे कामों में उनका करीब 15 लाख रुपये फंस गया है। वर्क आर्डर न होने के कारण वे अदालत में भी पेमेंट के लिए नहीं जा सकते हैं।

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वो ठेका तो रद हो गया था, लेकिन अधिकारियों के कहने पर काम कर दिया था। वर्कआर्डर भी नहीं मिला है, अगर पेमेंट नहीं मिली तो आगे से काम नहीं करेंगे, मोगा नगर निगम में पहले भी बाहर के ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हैं।

-नरेश पुरी, लुधियाना के ठेकेदार।

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