60 घंटे बाद भी अधिकारियों को नहीं दिखे सतलुज की छाती में हुए जख्म

सतलुत की छाती में हुए गहरे जख्म 60 घंटे बाद भी न प्रशासन देख पाया है न ही पुलिस। डीसी के आदेश पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ माइनिग विभाग रेवेन्यू विभाग व पुलिस कागजी घोड़े दौड़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Jun 2020 10:48 PM (IST) Updated:Mon, 15 Jun 2020 10:48 PM (IST)
60 घंटे बाद भी अधिकारियों को नहीं दिखे सतलुज की छाती में हुए जख्म
60 घंटे बाद भी अधिकारियों को नहीं दिखे सतलुज की छाती में हुए जख्म

सत्येन ओझा, मोगा : सतलुत की छाती में हुए गहरे जख्म 60 घंटे बाद भी न प्रशासन देख पाया है न ही पुलिस। डीसी के आदेश पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ माइनिग विभाग, रेवेन्यू विभाग व पुलिस कागजी घोड़े दौड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। जांच सिर्फ विषय पर केन्द्रित है कि माइनिग आवंटित जगह पर हो रही थी या गैर आवंटन क्षेत्र से बाहर। एनजीटी के नियमों के खिलाफ 20 फीट तक गहरे गड्ढे पर मशीनरी का प्रयोग जांच का विषय ही नहीं है, जबकि एनजीटी के नियम सबसे ज्यादा खतरनाक इन्हीं दोनों बिन्दुओं को मानते हैं। ऐसे तैयार होगी जांच रिपोर्ट

माइनिग माफियाओं को राजनीतिक आकाओं से आश्वासन मिलने के बाद वे मंगलवार से फिर माइनिग शुरू कर सकते हैं। माइनिग के लिए जो जगह अलॉट है वहां पानी भरा है। माइनिग दूसरी जगह पर हो रही थी। मंगलवार से पानी वाली जगह पर माइनिग फिर शुरू होगी। नायब तहसीलदार उसी के फोटो करके अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। तय हो चुका है रिपोर्ट में न गड्ढों की गहराई का जिक्र होगा न मशीनरी का, सिर्फ लिखा जाएगा, कि अलॉट जगह पर ही माइनिग हो रही है। क्या था मामला

डीसी संदीप हंस से 12 जून को शिकायत के बाद 13 जून की गांव मेलक कंगा में सतलुज दरिया में छापा मारा गया था। मौके पर सतलुज दरिया किनारे माइनिग जारी थी। 15-20 फीट गहराई तक खड्डे बने थे। माइनिग विभाग के एक्सईएन शैंडी गोयल ने यह कहकर मामला वहीं पर ठंडे बस्ते में डाल दिया कि मौके पर मशीनरी थी लेकिन चल नहीं रही थी। ये है नियम

-रिवर लैंड माइनिग-2013 के नियमानुसार गर्मियों में सुबह छह से सायं सात बजे तक। सर्दियों में सुबह सात से सायं पांच बजे तक ही रेत निकासी हो सकती है।

-रेत निकासी के लिए अधिक से अधिक तीन मीटर (10 फीट) तक खुदाई की जा सकती है।

-रेत निकासी वाले स्थानों को मिट्टी से भरना होता है।

-25 हेक्टेयर तक क्षेत्र में रेत माइनिग मेनुअल की जा सकती है। मशीनरी का इस्तेमाल अवैध है। मौके का सच

रेत की निकासी 15-20 फीट गहराई तक की गई है। जेसीबी मशीन, टिप्पर, ट्रैक्टर ट्रालियां मौके पर मौजूद थीं। नया नहीं है मामला

सीएम अमरिदर सिंह ने पांच मार्च 2018 को हेलीकॉप्टर से सतलुज दरिया में अवैध माइनिग देखी थी। उस समय भी माइनिग अलॉट क्षेत्र में हो रही थी, लेकिन माइनिग के लिए मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा था, जो माइनिग एक्ट के साथ एनजीटी नियमों के भी खिलाफ था। नई नहीं है अवैध माइनिग

दैनिक जागरण ने जब 24 व 25 मार्च 2019 को भी अवैध माइनिग का मामला प्रमुखता से छापा था, तब 25 मार्च को माइनिग अफस शैंडी गोयल ने एडीसी अनीता दर्शी को लिखित रिपोर्ट सौंपी थी कि 21 मार्च से पिपली गांव ठेका बंद कर दिया गया है। उस समय पिपली गांव से माइनिग के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों व टिप्परों की आवाजाही से धुस्सी बांध को काफी नुकसान पहुंचा था। नौ फरवरी 2019 को भी थाना धर्मकोट में अवैध माइनिग के मामले में राजकुमार तनेजा, उसके बेटे शिव तनेजा, राजकुमार तनेजा के भतीजे सोनू एवं कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ अवैध माइनिग करने का केस दर्ज कर मौके से जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर ट्रालियां बरामद की थीं। एफआइआर के बाद पुलिस व माइनिग ठेकेदार के बीच बड़ी डील हुई थी। बाद में डील के होते ही एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर अवैध माइनिग उसी ठेकेदार ने शुरू कर दी थी।

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क्या हैं अधिकारियों के बोल

इस मामले में एसडीएम धर्मकोट नरिदर सिंह का कहना है कि मामले की जांच नायब तहसीलदार गुरदीप सिंह कह रहे हैं, उन्हीं से बात कर लें। नायब तहसीलदार गुरदीप सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि पटवारी अभी निशानदेही कर रहे हैं, देर शाम तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। एसएचओ फतेहगढ़ पंजतूर गुरविदर सिंह का कहना है कि उनका काम सिर्फ कानून व्यवस्था बनाना है कि माइनिग विभाग से रिपोर्ट आएगी तो कार्रवाई करेंगे। माइनिग विभाग के एसडीओ सैंडी गोयल से बात की तो उन्होंने कहा कि रेवेन्यू विभाग ने अभी रिपोर्ट नहीं दी, रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई करेंगे कि सही जगह पर माइनिग हो रही थी या दूसरी जगह पर। एफआइआर में ये हुआ खेल

पुलिस ने थाना फतेहगढ़ पंजतूर में केस दर्ज किया है, उसमें लिखा है कि पुलिस को एक वीडियो मिली थी, जिसमें दो पोकलेन मशीनें माइनिग करते हुए हरे रंग की मंदर कलां में दिखाई गई हैं, लेकिन ऐसी ही एक मशीन उन्हें संघेड़ा में दिखाई दी थी, हो सकता है वही मशीन हो, वो जगह माइनिग के लिए आवंटित है। पुलिस ने संघेणा की मशीन को शामिल कर मंदरकलां में मौजूद मशीन की बात को खत्म करने का प्रयास किया है।

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