मोगा से दिल्ली कूच करने वाले किसानों की पातड़ां में हरियाणा पुलिस से भिड़ंत
मोगा गांव बंधनी खुर्द से दिल्ली में किसानों के धरने के लिए कुल हिद किसान सभा के जत्थे को पातड़ां पर पुलिस ने रोक लिया। जहां पुलिस के साथ किसानों की लगभग आधा घंटे तक जमकर भिड़ंत हुई। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन की फुहार का इस्तेमाल किया गया लेकिन किसान डटे रहे और अभी भी किसान पातड़ां में डटे हुए हैं।
जागरण संवाददाता, मोगा
गांव बंधनी खुर्द से दिल्ली में किसानों के धरने के लिए कुल हिद किसान सभा के जत्थे को पातड़ां पर पुलिस ने रोक लिया। जहां पुलिस के साथ किसानों की लगभग आधा घंटे तक जमकर भिड़ंत हुई। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन की फुहार का इस्तेमाल किया गया, लेकिन किसान डटे रहे और अभी भी किसान पातड़ां में डटे हुए हैं। उनका कहना है कि वे हर हाल में दिल्ली पहुंचेंगे।
कृषि सुधार काननू के खिलाफ मोगा जिले के किसान विभिन्न स्थानों से अपने साधनों से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। जिनमें से एक जत्था गांव बंधनी खुर्द से किसान सभा नेता कामरेड कुलदीप सिंह भोला की अगुआई में रवाना हुआ था। जिसमें कामरेड बलराज सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, लवली बाबे का, बूटा सिंह आदि सैकडों वर्कर उपस्थित थे।
ये ग्रुप पातड़ां वीरवार दोपहर तीन बजे पहुंचा था, वहां पर लगे पुलिस के बैरियर पर किसानों को रोक दिया गया था। यहां पर ग्रुप में मौजूद सूरत सिंह धर्मकोट, कुलदीप सिंह, कुलवंत मालवीय, बलबंत सिंह मल्लके, मिक्की महेसरी ने बताया कि वे पुलिस के बैरियर को तोड़कर आगे बढ़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया तो पुलिस के साथ उनकी जमकर झड़प हुई।
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हरियाणा में किसानों को रोकना निंदनीय : विधायक
संवाद सहयोगी, मोगा
काले खेती कानूनों के विरोध में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ दो माह से संघर्षरत किसानों द्वारा दिल्ली जाकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए जा रहे किसानों को हरियाणा पुलिस द्वारा रोकते हुए उन पर अत्याचार करना निदनीय है। यह बात विधायक डा. हरजोत कमल ने कही है।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि शातिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों को हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की सरकार दिल्ली जाने से रोक रही है, जबकि सुबह से शाम तक रोजाना ही भाजपा नेता जम्मू कश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत एक के नारे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों पर पानी की बौछार करके आंसू गैस के गोले फेंकना पूरी तरह गैर-संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को जानबूझकर रोकने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यदि सचमुच किसान हितैषी हैं तो वह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को निर्देश दें कि केंद्र तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए आ रहे किसानों को दिल्ली जाने की आज्ञा दी जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और वह निजी तौर पर पूरी तरह किसानों के साथ खडे़ हैं।