बच्चों को दी सीख ने ले लिया 'बाल वन सेना' का रूप

। बच्चों की पौधारोपण की मिली सीख अब बाल वन सेना के रूप में तब्दील हो चुकी है। पांचवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सात-आठ बच्चों का ग्रुप अब हर रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ शहर के किसी न किसी पार्क में पौधारोपण करने जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:51 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:51 PM (IST)
बच्चों को दी सीख ने ले लिया 'बाल वन सेना' का रूप
बच्चों को दी सीख ने ले लिया 'बाल वन सेना' का रूप

सत्येन ओझा.मोगा

बच्चों की पौधारोपण की मिली सीख अब 'बाल वन सेना' के रूप में तब्दील हो चुकी है। पांचवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के सात-आठ बच्चों का ग्रुप अब हर रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ शहर के किसी न किसी पार्क में पौधारोपण करने जाता है।

बच्चे पार्क में नीम, पीपल, बोहड़, आम, हर सिगार, शहतूत, नीबू, आंवला के पौधे रोपते हैं। रविवार को बाल वन सेना की टीम ने हरियावल पंजाब से मिली सीख के बाद बग्गेयाना स्टेडियम में 50 से ज्यादा पौधे रोपे। साथ ही सप्ताह भर दिन फलों को खाया, उनकी गुठलियों को मिट्टी में पौधे बनने की उम्मीद में दबा दिया। दो घंटे चलाई मुहिम

दसवीं की छात्रा अंकिता शर्मा, दीपांशिका गुप्ता, मान्या, मनन, समृद्धि जोशी, कार्तिक सूद व प्रजुम गुप्ता की टीम अपनी लंबाई से कई गुने लंबे पौधे हाथों में लेकर सुबह सात बजे बग्गेयाना स्टेडियम में पहुंचे तो वहां क्रिकेट मैच खेल रहे खिलाड़ियों के लिए बच्चों की ये टीम आकर्षण का केन्द्र बन गई थी। कुछ बच्चों के हाथों में फावड़ा आदि भी थे। आते ही बच्चों ने उन स्थानों का चयन किया जहां पौधे नहीं लगे थे, वहां अपने हाथों से गड्ढे खोदे, बाद में पौधे रोपित कर उन्हें पानी दिया। हालांकि बच्चों के उत्साह को देखते हुए क्षेत्र के पूर्व पार्षद गुरमिदर जीत सिंह बबलू भी साथ जुड़ गए। बच्चों के साथ उनके पेरेंट्स शहर के प्रमुख व्यवसायी सुधीर सूद, बैंकर दीपक शर्मा, वरुण गप्ता, संजीव कुमार, दवा व्यवसायी अमनदीप जोशी भी शामिल थे। बच्चों की ये टीम करीब दो घंटे तक स्टेडियम में रही। इस दौरान करीब पचास पौधे उन्होंने स्टेडियम के हर उस हिस्से में लगाए थे जहां पहले से पौधे नहीं लगे थे, या पहले से लगे पौधे सूख गए थे। क्या है बच्चों का एक्शन प्लान

कुछ दिन पहले एक खास मौके पर हरियावल पंजाब के प्रभारी रामगोपाल से मुलाकात हुई थी, बच्चों को देख रामगोपाल उनके साथ जमीन पर ही पालथी मारकर बच्चों के साथ बैठ गए, उन्होंने बड़े ही प्रभावी अंदाज में बच्चों को पौधों का महत्व, पौधों में ही वो पौधे जो ज्यादा आक्सीजन देते हैं। उन्होंने बच्चों को समझाया था कि जिन पौधों की जड़ें छह फीट तक गहरी होती हैं, ऊंचाई छह फीट तक होती है, घेरा छह फीट का होता है, सबसे ज्यादा आक्सीजन देते हैं, उस दिन बच्चों के तमाम सवालों का जबाव रामगोपाल ने किया था। रामगोपाल ने बच्चों को समझाया कि लोगों की सांसों की जरूरत के अनुसार पौधे लगाने का अभियान परिवार के साथ करेंगे तो पौधे के साथ संवेदना जुड़ेगी, रिश्ता बनेगा, तभी पौधे की अच्छे से देखभाल हो सकती है।

बस उस दिन की सीख के बाद बच्चे हर रविवार की सुबह अपने पेरेंट्स के साथ किसी ने किसी पार्क या शहर के उस हिस्से में जाते हैं जहां पौधे लग सकते हैं, पौधे लगाते हैं। सप्ताह के बाकी दिनों में आउटिग के रूप में परिवार के साथ उन पौधों की देखभाल करने जाते हैं। ताकि पौधा सूखने न पाय।

फल खाते हैं गुठलियां नहीं फेंकते

पौधारोपण मुहिम में जुटी अंकिता शर्मा, समृद्धि, दीपांशिका ने बताया कि वे सप्ताह भर जितने फल खाते हैं, उनकी गुठलियां या बीज फेंकते नहीं, बल्कि रविवार को जब पौधा लगाने जाते हैं तो उन बीजों को भी जमीन में गाड़ देते हैं ताकि आने वाले समय में वे भी पौधा बन जाएं।

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