एडवोकेट राजेश शर्मा ने चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स को दी ट्रेनिग

। ज्यूडिशियल कोर्ट कांप्लेक्स में वीरवार को जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन एक्ट के अंतर्गत चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स को ट्रेनिग दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:06 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:06 PM (IST)
एडवोकेट राजेश शर्मा ने चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स को दी ट्रेनिग
एडवोकेट राजेश शर्मा ने चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स को दी ट्रेनिग

जागरण संवाददाता.मोगा

ज्यूडिशियल कोर्ट कांप्लेक्स में वीरवार को जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन एक्ट के अंतर्गत चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स को ट्रेनिग दी गई।

मास्टर ट्रेनर जिला कानूनी सेवा अथारिटी के पैनेलिस्ट राजेश शर्मा एडवोकेट ने सभी थानों से पहुंचे चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स से कहा कि थाने में बच्चों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं किया जाए। उन्हें न लाकअप में रखा जाए और न ही हथकड़ी लगाई जाए। यही नहीं, हिरासत में लिए गए बच्चों को थाने में उस स्थान पर रखा जाए जहां थाने जैसा माहौल न हो। चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफिसर्स पुलिस की वर्दी में नहीं सादा वर्दी में ही बच्चों के साथ पूछताछ कर सकते हैं।

ट्रेनिग प्रोग्राम में प्रिसिपल मजिस्ट्रेट जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड राहुल गर्ग भी पूरे समय मौजूद रहे। प्रशिक्षण प्रोग्राम में जिले के सभी 13 थानों से पहुंचे पुलिस आफिसर्स को आपराधिक मामलों में थानों में आने वाले बच्चों के कैसे डील किया जाए, इसकी ट्रेनिग दी गई। ट्रेनर राजेश शर्मा ने बताया कि संगीन अपराध के मामलों में ही बच्चों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए, जबकि होता ये है कि लड़ाई झगड़े जैसे सामान्य मामलों में भी बच्चों के नामजद होने के बाद उन्हें थाने में आम अपराधियों की तरह बुलाकर पूछताछ की जाती है, जो पूरी तरह गलत है। सामान्य मामलों में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ एफआइआर करने के बजाय डीडीआर दर्ज की जाए। एडवोकेट शर्मा ने बताया कि बोर्ड के सामने बच्चों की पहली पेशी में ही उसके पुरानी सोशल रिपोर्ट को पेश कर केस को जल्द से जल्द निपटारे में सहयोग करना चाहिए।

एडवोकेट शर्मा ने बताया कि हर थाने में एक-एक वेलफेयर पुलिस अफसर की नियुक्ति जरूरी है वह बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करें, थाने के उस प्रभाव से बच्चों को दूर रखा जाए जहां थाने जैसे माहौल का आभास न हो सके। उन्होंने बताया कि जिला कानूनी सेवा अथारटी की तरफ से बच्चों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की सुविधा दी जाती है।

इस मौके पर स्पेशल जुवेनाइल पुलिस अफसर डीएसपी लखबिदर सिंह भी मौजूद थे।

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