पुलिस लाइन से गायब पिस्तौल मामले में हत्यारोपित हवलदार पर केस

मोगा थाना सिटी-1 पुलिस ने 2014 में पुलिस लाइन मोगा में बने असलहा रूम से पिस्तौल गायब होने के मामले में जांच के बाद अब 4 दिसंबर 2020 को हत्यारोपित हवलदार कुलविंदर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 06:51 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 06:30 AM (IST)
पुलिस लाइन से गायब पिस्तौल मामले में हत्यारोपित हवलदार पर केस
पुलिस लाइन से गायब पिस्तौल मामले में हत्यारोपित हवलदार पर केस

संवाद सहयोगी, मोगा

थाना सिटी-1 पुलिस ने 2014 में पुलिस लाइन मोगा में बने असलहा रूम से पिस्तौल गायब होने के मामले में जांच के बाद अब 4 दिसंबर, 2020 को हत्यारोपित हवलदार कुलविंदर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह जानकारी मामले की जांच कर रहे सहायक थानेदार जसवंत सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से 29 अगस्त, 2020 को विभागीय आदेश पर पुलिस लाइन में बने असलहा रूम की जांच की गई थी। इस दौरान एक पिस्तौल .9 एमएम नंबर 5065291 गायब मिला था। जिसकी जानकारी विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई थी। अधिकारियों के आदेश के आधार पर हुई जांच के बाद पता चला है कि जब यह पिस्तौल गायब हुआ है, उस समय हवलदार कुलविदर सिंह पुलिस लाइन में बने असलहा रूम में तैनात था और उसकी उपस्थिति में यह पिस्तौल गुम हुआ है। कुलविदर जो फिलहाल फिरोजपुर जेल में है, उसे मोगा पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पिस्तौल के बारे में जानकारी हासिल करेगी।

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कौन है कुलविदर सिंह

16 फरवरी, 2020 को पंजाब पुलिस के हवलदार ने गांव जलालपुर में घरेलू विवाद के चलते सुबह करीब 6 बजे पत्नी और तीन ससुराल वालों (सास, साला और साले की पत्नी) की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना में साले की 10 साल की बच्ची भी घायल हुई थी। दरअसल, उससे एक पहले दिन आरोपित हवलदार का ससुराल में विवाद हुआ था। इसके बाद धर्मकोट पुलिस उसे लेकर चली गई थी। बाद में अगले दिन आरोपित ने सुबह 6 बजे लौटकर एके-47 से वारदात को अंजाम दिया था और बाद में उसने समर्पण कर दिया था।

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विवाद का कारण

आरोपित कुलविदर सिंह मोगा पुलिस लाइन में दंगा विरोधी दल को लीड करता था। उसकी पहली पत्नी की मौत हो चुकी है। उससे दो संतानों में एक बेटा व दूसरी बेटी है, जो फिरोजपुर के एक गांव में ब्याही हुई है। वहीं कुलविदर खुद दूसरी शादी किए हुए है। दूसरी पत्नी राजविदर कौर के साथ अक्सर उसका विवाद होता रहता था। एक साल पहले कुलविदर सिंह ने ससुराल में 25 लाख रुपये खर्च करके सूअर फार्म खोला था। बाद में कुलविदर अपनी शादीशुदा बेटी को आइलेट्स कराकर विदेश भेजना चाहता था और दूसरी पत्नी के मायके वालों से साझा कारोबार का बार-बार हिसाब मांग रहा था।

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तीन लोगों ने मौके पर तोड़ा था दम

आरोपित हवलदार ने ससुराल पहुंचते ही सरकारी एके-47 राइफल से गोलीबारी कर दी थी। इस घटना में पत्नी राजविदर कौर, साला जसकरण सिंह और साले की पत्नी इंद्रजीत कौर की मौके पर ही मौत हो गई थी। 65 वर्षीय सास सुखविदर कौर को गंभीर हालत में मोगा के सिविल अस्पताल में लाया गया था। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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पुलिस की बड़ी लापरवाही, असलहा देने की मनाही थी फिर भी जारी किया था:

1. आरोपित ने 5 साल पहले दीवाली की रात को एके-47 से घर की छत पर 75 फायर किए थे। इस पर केस दर्ज कर उसे सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया था। भविष्य में उसे असलहा न देने को कहा गया था। इसके बावजूद उसे असलहा दे दिया गया।

2. जब हवलदार कुलविंदर रात 12 बजे नशे में ससुराल पहुंचा था, तो वह वहां मारपीट करने लगा। ससुराल वालों ने पुलिस को सूचित किया। सुबह ढाई बजे पुलिस आई और कुलविदर को साथ ले गई। फिर उसे छोड़ दिया। इसके बाद अगले दिन उसने एके-47 लाकर रविवार सुबह वारदात को अंजाम दे दिया था।

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