ब्लूमिग ब‌र्ड्स स्कूल में अध्यापकों ने किया शबद गायन

। ब्लूमिग ब‌र्ड्स स्कूल में ग्रुप चेयरमैन संजीव कुमार सैनी व चेयरपर्सन कमल सैनी की अगुआई में श्री गुरु गोबिद सिंह जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 09:49 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 09:49 PM (IST)
ब्लूमिग ब‌र्ड्स स्कूल में अध्यापकों ने किया शबद गायन
ब्लूमिग ब‌र्ड्स स्कूल में अध्यापकों ने किया शबद गायन

संवाद सहयोगी, मोगा

ब्लूमिग ब‌र्ड्स स्कूल में ग्रुप चेयरमैन संजीव कुमार सैनी व चेयरपर्सन कमल सैनी की अगुआई में श्री गुरु गोबिद सिंह जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। इस दौरान अध्यापकों ने शबद गायन किया।

प्रिसिपल डा. हमीलिया रानी ने बताया कि गुरु गोबिद सिंह जी का जन्म 1666 में बिहार की राजधानी पटना साहिब में पिता श्री गुरु तेग बहादुर एवं माता गुजरी के घर हुआ। जब वह छोटी उम्र के थे, उनके पिता के पास कुछ कश्मीरी पंडित जो औरंगजेब के जुल्म के सताए हुए थे, फरियाद लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि औरंगजेब पंडितों को जबदस्ती मुस्लिम बना रहा है। गुरु तेग बहादुर ने कहा कि इस समय किसी महापुरुष की कुर्बानी ही औरंगजेब के जुल्म पर नकेल डाल सकती है। उस समय गुरु गोबंद सिंह जी जो कि सिर्फ नौ वर्ष के थे, ने कहा कि पिता जी आपसे बड़ा

महापुरुष और कौन हो सकता है। बेटे के हिम्मत भरे शब्द सुनकर गुरु तेग बहादुर जी शहीदी देने के लिए दिल्ली चले गए तथा उनको विश्वास हो गया था कि उनका बेटा गुरगद्दी को संभालने के योग्य हो गया है। गुरु गोबिद सिंह जी ने 1686 में भंगानी के स्थान पर पहाड़ी राजा को करारी हार दी। उन्होंने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। प्रिसिपल ने कहा कि गुरु जी ने 40 सिंहों को चालीस मुक्तों का नाम दिया था तथा उनके नाम पर श्री मुक्तसर साहिब का नाम रखा गया, जहां हर वर्ष माघी मेला लगता है। उन्होंने कहा कि 1708 में गुरु जी ज्योति जोत समा गए। इस मौके पर स्कूल का स्टाफ उपस्थित था।

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