आशा वर्करों ने कलम छोड़ हड़ताल कर सिविल अस्पताल में दिया धरना
। आशा वर्कर एवं फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब की सदस्यों ने कलम छोड़ हड़ताल के तहत पंजाब सरकार के खिलाफ सिविल अस्पताल में सोमवार को धरना देते हुए नारेबाजी की।
संवाद सहयोगी,मोगा
आशा वर्कर एवं फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब की सदस्यों ने कलम छोड़ हड़ताल के तहत पंजाब सरकार के खिलाफ सिविल अस्पताल में सोमवार को धरना देते हुए नारेबाजी की।
इस मौके पर यूनियन की जिलाध्यक्ष मनदीप कौर ने कहा कि उनकी मांगें काफी समय से लटक रही हैं। मोरिडा में हजारों की संख्या में आशा वर्करों ने धरना दिया था। रविवार को भी सेहत एवं परिवार भलाई विभाग के सचिव विकास गर्ग से मांगों को लेकर बैठक हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि मांगे बिल्कुल जायज हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत करने तथा मांगों का नोटिफिकेशन पूर्व सेहत मंत्री द्वारा जारी करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन यूनियन की मांगें अधर में लटक गई हैं। उन्होंने कहा कि नए बने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से उन्हें काफी उम्मीदें थी, लेकिन अफसोस की बात है कि उलटा आशा वर्करों को विभाग की ओर से पत्र जारी करके धमकियां दी जा रही हैं कि जिस वर्कर का 3500 रुपये से कम पेमेंट बनेगी उसका कोविड भत्ता 2500 रुपये काट लिया जाएगा, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ उनका संघर्ष मांगों तक मनवाने को लेकर जारी रहेगा। अगर मांगें न मानी गई तो संघर्ष को तेज किया जाएगा, जिसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष मनदीप कौर, सीनियर उपाध्यक्ष संदीप कौर, बलजीत कौर, परमजीत कौर समाध भाई, महेन्द्र कौर, कमलजीत कौर के अलावा भारी संख्या में वर्कर उपस्थित थी।