आशा वर्कर व फैसिलिटेटर यूनियन ने धरना लगाकर की नारेबाजी
। सिविल अस्तपाल में मंगलवार को आशा वर्कर एवं फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब की सदस्यों ने धरना लगाकर पंजाब सरकार व केन्द्र सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर नारेबाजी की।
संवाद सहयोगी,मोगा
सिविल अस्तपाल में मंगलवार को आशा वर्कर एवं फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब की सदस्यों ने धरना लगाकर पंजाब सरकार व केन्द्र सरकार के खिलाफ मांगों को लेकर नारेबाजी की।
धरने में विशेष तौर पर पहुंची पंजाब प्रधान किरनजीत कौर पंजोला का जिला कमेटी की ओर से स्वागत किया गया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पंजोला ने कहा कि कोरोना काल के दौरान यूनियन की सदस्यों ने फील्ड में जाकर काम किया है। कोरोना काल के दौरान जहां कई सदस्य संक्रमित हुई, वहीं अनेक ने सेवाएं निभाकर बतौर कोरोना योद्धाओं का सम्मान प्राप्त किया। इन वर्करों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने परिवारों को खतरे में डाला, लेकिन पंजाब सरकार उनका शोषण करती आ रही है। समय-समय पर भले ही उनकी सेहत मंत्री से बैठके हो चुकी हैं लेकिन उनको मान सम्मान न मिलने के साथ बहुत सी सुविधाएं अभी भी नहीं मिलीं। पंजोला ने कहा कि आज पंजाब के हर जिले में आशा वर्कर यूनियन की सदस्य बर्तन खटखटा कर सरकार को नींद से जगाने का काम कर रही हैं। यूनियन की सदस्य अपनी मांगों मनवाने के लिए किसी भी संघर्ष का रास्ता अपना सकती हैं। ये हैं यूनियन की मांगें
पंजोला ने मांग की है कि पंजाब की आशा वर्करों को हरियाणा वर्करों को हरियाणा पैट्रन पर चार हजार रुपये प्रति महीना व इनसेंटिव दिया जाए, आशा फैसिलिटेटरों को फिक्स चार हजार रुपये प्रति महीना दिया जाए, आशा वर्करों व आशा फैसिलिटेटरों को 15 हजार रुपये प्रति महीना लागू किया जाए, ड्यूटी के दौरान हादसे का शिकार होने वाली वर्करों को सेहत विभाग के अन्य कर्मचारियों की तरह बनती सुविधाएं प्रदान करवाई जाएं, आशा सेंटर व आशा सब सेंटर स्थापित करते हुए हर सुविधा मुहैया करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द पूरी न की तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।