सीएम पद की लड़ाई में कांग्रेस का हिदू विरोधी चेहरा सामने आया : डा. सीमांत गर्ग

। विश्व हिदू परिषद के विभागाध्यक्ष डा.सीमांत गर्ग ने कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद की लड़ाई के दौरान हिदू चेहरे को लेकर की गईं टिप्पणियों पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:55 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:55 PM (IST)
सीएम पद की लड़ाई में कांग्रेस का हिदू विरोधी  चेहरा सामने आया : डा. सीमांत गर्ग
सीएम पद की लड़ाई में कांग्रेस का हिदू विरोधी चेहरा सामने आया : डा. सीमांत गर्ग

जागरण संवाददाता.मोगा

विश्व हिदू परिषद के विभागाध्यक्ष डा.सीमांत गर्ग ने कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद की लड़ाई के दौरान हिदू चेहरे को लेकर की गईं टिप्पणियों पर तीखा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हिदू चेहरे को सीएम की कुर्सी देने के मामले में जिस प्रकार से हिदू विरोधी बयान दिए हैं, उसने पार्टी के हिदू विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से सवाल किया है कि हिदुओं को लेकर कांग्रेस का यही रवैया है तो हिदू पार्टी को क्यों वोट दें? कांग्रेस नेताओं को सार्वजनिक रूप से इसका उत्तर जनता के बीच में देना चाहिए।

डा.सीमांत गर्ग ने कहा है कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने सीएम पद की लड़ाई में दलील दी थी कि पंजाब में सिखों का बहुल है,तो सिख को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। बाद में खुद ही पलटी मारकर सूबे के 38 प्रतिशत हिदुओं का अपमान करके 30 प्रतिशत दलित आबादी के आधार पर दलित सिख को मुख्यमंत्री बना दिया। इससे साफ है कि कांग्रेस का अपना कोई सोच नहीं है, सबको कुर्सी चाहिए। कांग्रेस के लिए सीएम जैसे पद के लिए योग्यता नहीं जाति, धर्म मायने रखता है। हिदुओं से पंजाब कांग्रेस की नफरत उसी दिन साफ हो गई थी जब सुनील जाखड़ को पहले पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष पद से हटाकर जट सिख के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था, बाद में जब मुख्यमंत्री पद पर जाखड़ के नाम की बात चली तो हिदू विरोधी नेताओं ने अपने असल रूप में आकर उन्हें सीएम पद से भी हटा दिया, जबकि सच्चाई यही है कि पंजाब कांग्रेस की राजनीति में कैप्टन अमरिदर सिंह के बाद कोई गंभीर सियासी चेहरा है तो वह सुनील जाखड़ हैं लेकिन हिदू होने के नाते उनको किनारे लगा दिया गया।

डा.सीमांत ने कहा है कि हिदू समाज को कांग्रेस की असलियत को पहचानकर कांग्रेस ही नहीं, बल्कि हिदू विरोधी हर पार्टी के खिलाफ जागरूक होना होगा। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कांग्रेस के नेता हिदुओं को पंजाब में अल्पसंख्यक मानते हैं, लेकिन राज्य में हिदुओं को अल्पसंख्यक को मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं देना चाहती हैं, ये कांग्रेस का दोहरा चेहरा है, जो पूरी तरह बेनकाब हो चुका है, हिदू समाज को जागरूक होने की जरूरत है।

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