परमेश्वर से मिलने का मार्ग सच्चा गुरु ही बताता है : प्रदीप बजाज
। श्री राम शरणम आश्रम के प्रमुख हंसराज महाराज के उत्तराधिकारी कृष्ण जी महाराज के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में अमृतवाणी सत्संग करवाया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा
श्री राम शरणम आश्रम के प्रमुख हंसराज महाराज के उत्तराधिकारी कृष्ण जी महाराज के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में अमृतवाणी सत्संग करवाया गया। इसमें दूर-दूर से पहुंचे साधकों ने भजनों का आनंद लिया।
श्री राम शरणम आश्रम में लगातार 12 घंटे के अखंड जाप के उपरांत विशेष अमृतवाणी सत्संग किया गया जिसमें सभी भाई-बहन साधक बड़े उत्साह के साथ गुरु महाराज का गुणगान करने के लिए पहुंचे। कार्यक्रम की शुरुआत दिव्य वाणी पावन अमृतवाणी के पाठ के साथ परी जिदल ने की। श्री राम शरणम आश्रम के मुख्य सेवादार प्रदीप बजाज ने सबको महाराज के जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि एक सच्चे गुरु का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। परमेश्वर से मिलने का मार्ग एक गुरु ही प्रशस्त करता है। हम अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं जो कृष्ण जी महाराज व रेखा विज का सुंदर मार्गदर्शन हमें मिल रहा है। सभी लोग ये संकल्प लें कि जिस प्रकार अनुशासन के साथ कृष्ण जी महाराज ने राम कार्य को आगे बढ़ाया है, हमें भी उनके दर्शाए हुए मार्ग पर चलना है। अपने आप को अनुशासन में और दूसरों को रहने की प्रेरणा देनी है। मिलजुल कर महाराज के कार्य करने हैं। अनुशासन के चलते ही श्री राम शरणम आश्रम का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। प्रदीप भैया ने कहा आज के युग में हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे गुरुजनों के चरणों का सहारा मिला है जहां किसी प्रकार का कोई दिखावा नहीं, कोई चढ़ावा नहीं कोई आडंबर नहीं। किस प्रकार श्री राम शरणम परिवार के लोग सादगी के साथ बैठ कर उस परमपिता परमेश्वर राम नाम का गुणगान करते हैं यह सब हमारे गुरुजनों की विरासत है व उनका आशीर्वाद है।
अमृतवाणी सत्संग में भजन गायिका नीना खुराना ने भजन गुरुदेव मेरी नैया उस पार लगा देना अब तक तो निभाया है साथ.आगे भी निभा देना, उसके उपरांत गायक संजय अरोड़ा ने कुछ ना बिगड़ेगा तेरा गुरु शरण आने के बाद, हर खुशी मिल जाएगी गुरु चरण में आने के बाद.भजन पेश कर पूरा माहौल भक्तिमय बना दिया। श्री राम शरणम आश्रम की मुख्य गायिका नीना खुराना ने भजन मुबारकां मुबारकां दिन खुशियां दा आया है, साड्डे गुरां दा जन्मदिन आया है, का गायन किया। आखिर में आते भी राम बोलो जाते भी राम बोलो की धुन के साथ सत्संग का समापन हुआ।