ट्रैक्टर-ट्राली हादसा : घायलों का आरोप, पुलिस ने अब तक न बयान दर्ज किए, न कार्रवाई की

गांव घोलियां कलां के पास शनिवार को तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली पलटने के हादसे के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने अब तक न तो घायलों के बयान दर्ज किए हैं और न ही कोई कार्रवाई की है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 10:14 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:14 PM (IST)
ट्रैक्टर-ट्राली हादसा : घायलों का आरोप, पुलिस ने अब तक न बयान दर्ज किए, न कार्रवाई की
ट्रैक्टर-ट्राली हादसा : घायलों का आरोप, पुलिस ने अब तक न बयान दर्ज किए, न कार्रवाई की

संवाद सहयोगी,मोगा

गांव घोलियां कलां के पास शनिवार को तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली पलटने के हादसे के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने अब तक न तो घायलों के बयान दर्ज किए हैं और न ही कोई कार्रवाई की है। हादसे को अंजाम देने के बाद से ही ट्रैक्टर-ट्राली चालक मौके से फरार है। वहीं घायलों मजदूरों को किसान द्वारा उपचार करवाने के लिए ले जाने की बात कही जा रही है। जबकि पीड़ितों का आरोप है कि किसी ने उनकी बात तक नहीं सुनी है।

क्या है मामला

मोगा के गांव घोलिया कलां के पास शनिवार को सुबह आलू की खुदाई करवाने के लिए तीस मजदूरों को गांव कालेके का रहने वाले एक किसान का बेटा ट्रैक्टर-ट्राली में लेकर जा रहा था। ट्रैक्टर की स्पीड ज्यादा होने के साथ-साथ साउंड सिस्टम भी तेज आवाज में चल रहा था। रास्ते में ट्रैक्टर-ट्राली संतुलन खोने के बाद पेड़ से टकराने के बाद पलट गई। इस हादसे में बच्चों समेत 14 लोग घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए एंबुलेंस 108 की मदद से मोगा के सिविल अस्पताल में लाया गया। वहां चार लोगों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें फरीदकोट रेफर कर दिया गया।

सिविल अस्पताल में उपचाराधीन रानी, अमनदीप कौर, मनप्रीत कौर आदि का आरोप है कि किसान परिवार से संबंधित युवक ट्रैक्टर-ट्राली को तेज रफ्तार में चला रहा था। साथ ही उसने ऊंची आवाज में साउंड सिस्टम लगा रखा था। वे लगातार उसे आवाज देकर ट्रैक्टर की स्पीड कम करने के लिए कहते रहे लेकिन साउंड सिस्टम की तेज आवाज में उसने हमारी आवाज ही नहीं सुनी। कुछ ही देर बाद हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके बयान भी दर्ज नहीं किए और न ही ट्रैक्टर चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई की। सिविल अस्पताल में भर्ती घायलों ने कहा कि ट्रैक्टर ट्राली के मालिक किसान ने उन्हें खाने-पीने की सुविधा देने के साथ-साथ उपचार करवाने की बात कही है। किसी ने भी बयान दर्ज नहीं करवाए : एएसआइ

मामले की जांच कर रहे एएसआइ गुरबिदरजीत सिंह ने कहा कि घायलों के बयान दर्ज करने के लिए वह मोगा समेत फरीदकोट के अस्तपाल में चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन किसी ने भी बयान दर्ज नहीं करवाए। अगर बयान दर्ज होते हैं तो आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी।

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