आपरेशन के 11 दिन बाद महिला की मौत, डाक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप
गांव चड़िक में रहने वाली दो बच्चों की मां ने पांच मई को बच्चेदानी में रसोली का आपरेशन करवाया था।
राज कुमार राजू ,मोगा
गांव चड़िक में रहने वाली दो बच्चों की मां ने पांच मई को बच्चेदानी में रसोली का आपरेशन करवाया था। रविवार को महिला की मौत हो गई। परिवार ने सोमवार को अस्थियां चुनते समय उसमें से कांच की बोतल मिलने की बात कहते हुए डाक्टर पर आपरेशन के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है ।
गांव चड़िक निवासी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि उसकी 39 वर्षीय चाची कुलदीप कौर दो बच्चो की मां थी। चाचा मलकीत सिंह अदालत में एक जज के पास दर्जा चार कर्मी के तौर पर तैनात है। उसने अपनी चाची कुलदीप कौर की दत्त रोड स्थित आस्था अस्पताल में जांच करवाई थी। जहां डाक्टर ने बच्चेदानी में रसौली होने की बात कहते हुए पांच मई को आपरेशन किया था। आठ मई को छुट्टी दे दी गई थी। पेट में असहनीय दर्द होने के कारण जब उसने डाक्टर से संपर्क किया तो डाक्टर ने मामूली दर्द बता कर दवादे दी, लेकिन उसकी चाची की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। 16 मई को शाम उसकी चाची की अचानक हालत बिगड़ने के बाद देर सायं मौत हो गई ।
गुरप्रीत सिंह का कहना था कि सोमवार को जब चाची की अस्थियां गांव के श्मशान घाट में चुनी जा रही थीं तो उसमें कांच की शीशी निकली। मृतक महिला के स्वजनों ने आशंका जताई है कि उनकी चाची की मौत डाक्टर की लापरवाही के कारण पेट में छोड़ी गई कांच की शीशी के कारण हुई है ।
मौत का मुझे भी दुख, लेकिन आरोप बेबुनियाद हैं डा. मित्तल
आस्था अस्पताल में महिला का आपरेशन करने वाले डाक्टर गौरव मित्तल ने बताया कि मृतक महिला के परिवार के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। कुलदीप कौर का आपरेशन कर ढाई किलो की रसौली निकालकर आठ मई को महिला को डिस्चार्ज किया गया था। दो दिन बाद के जांच के लिए लाया गया था। डाक्टर गौरव मित्तल ने बताया कि आपरेशन पूरे हाईजेनिक उपकरणों से किया गया था। कांच की बोतल मिलने की बात उन्हें हजम नहीं हो रही है। कांच की 300 एमएल की जो बोतल की बात जो कही जा रही है वह पूरे अस्पताल में प्रयोग ही नहीं होती है। परिवार किसी के बहकावे में आकर उन पर झूठे आरोप लगा रहा है। डाक्टर मित्तल ने कहा कि वह परिवार से हमदर्दी रखते हुए किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।