नरमे व कपास की बिजाई किसानों के लिए फायदेमंद : डा. बलविंदर सिंह
। दिन-प्रतिदिन गिर रहा भूजल स्तर किसानों व खेती माहिरों की चिता का कारण बन गया है।
संवाद सहयोगी,मोगा
दिन-प्रतिदिन गिर रहा भूजल स्तर किसानों व खेती माहिरों की चिता का कारण बन गया है। पानी की बचत व किसान की आर्थिकता को मजबूत करना समय की मुख्य जरूरत है। इसलिए पंजाब सरकार द्वारा रिवायती फसलों की जगह फसली विभिन्नता को अपनाने के लिए किसानों को अपील की जा रही है।
इस कड़ी के तहत खेतीबाड़ी एवं किसान भलाई विभाग पंजाब के डायरेक्टर डा. सुखदेव सिंह सिद्धू के दिशा-निर्देशों अनुसार पंजाब में इस वर्ष करीब पांच लाख हेक्टेयर रकबे में नरमे व कपास की फसल बीजने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी कड़ी के तहत जिला मोगा में 800 हेक्टेयर रकबे में नरमे व कपास की फसल की बिजाई की जाएगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए खेती माहिरों की ओर से लगातार गांवों में किसानों से संपर्क कर तकनीकी जानकारी दी जा रही है। ब्लाक मोगा-दो में इस वर्ष 100 हेक्टेयर रकबे में नरमे व कपास की बिजाई की जाएगी।
इस संबंध में मुख्य खेतीबाड़ी अफसर मोगा डा. बलविदर सिंह की अगुआई में ब्लाक खेतीबाड़ी अफसर मोगा-दो डा.जसविदर सिंह बराड़ तथा खेती टीम की ओर से सुखमिंदर सिंह गांव घलकलां के खेत में दो एकड़ रकबे में नरमे की बिजाई करवाई गई। इस तकनीक से बिजाई करने पर किसान का खर्चा भी कम होता है। डा. जसविदर सिंह बराड़ ने कहा कि ब्लाक के लक्ष्य को हर हालत में पूरा किया जाएगा तथा इस उद्देश्य के लिए मोगा-दो ब्लाक की टीम द्वारा नरमा बीजने वाले किसानों से लगातार संपर्क रखा जाएगा, ताकि उनको किसी भी किस्म की समस्या पेश न आए। डा. बलविदर सिंह ने कहा कि इस वर्ष आत्मा स्कीम के तहत जिले में नरमे व कपास की 50 प्रदर्शनी बिजाई की जा रही है। इससे प्रेरित होकर किसान भविष्य में नरमे व कपास की खेती को पहल देंगे। उन्होंने अपील की कि जिले का हर किसान नरमे व कपास की खेती जरूर करे, ये काफी फायदेमंद है। इस मौके पर डा. सतविदर सिंह, बलजिदर सिंह, डा. सतविदर सिंह, डा. बलजिदर सिंह, दिलशाद सिंह के अलावा किसान उपस्थित थे।