मरीज की मौत के बाद स्वजनों ने सिविल अस्पताल में लगाया धरना

। सिविल अस्पताल में गंभीर हालत में पहुंचे एक मरीज की सेहत की ओपीडी में जांच के बाद उसे फरीदकोट मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 10:30 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 10:30 PM (IST)
मरीज की मौत के बाद स्वजनों ने 
सिविल अस्पताल में लगाया धरना
मरीज की मौत के बाद स्वजनों ने सिविल अस्पताल में लगाया धरना

संवाद सहयोगी,मोगा

सिविल अस्पताल में गंभीर हालत में पहुंचे एक मरीज की सेहत की ओपीडी में जांच के बाद उसे फरीदकोट मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। इस बीच मरीज की हालत बिगड़ने के बाद स्वजन उसे फरीदकोट ले जाने के बजाय इमरजेंसी में ले गए, वहां चिकित्सकों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मरीज के परिवार ने हंगामा शुरू कर दिया। इमरजेंसी को घेर लिया। थाना सिटी-एक व साउथ सिटी की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस ने मेन बाजार में प्रताप रोड तिराहे पर ही बैरीकेडिग कर रास्ता बंद कर दिया। रेलवे लाइन की ओर से आने वाले लोगों को प्रताप रोड चौक से आगे मेन बाजार में सिविल अस्पताल की ओर नहीं जाने दिया।

गांव खोसा रणधीर निवासी 30 वर्षीय रंजीत सिंह को शनिवार को सुबह स्वजन सिविल अस्पताल लेकर आए थे। एमडी डाक्टर टेस्ट करवाने के बाद उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। चिकित्सक के अनुसार मरीज के कई अंग काम करना बंद कर चुके थे। मरीज को मेडिकल कालेज ले जाने के बजाय स्वजन उसे लेकर पहले तो अस्पताल में ही बैठे रहे, बाद में ज्यादा हालत बिगड़ने पर उसे इमरजेंसी में ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक के परिवार का आरोप है कि इमरजेंसी विभाग में तैनात किसी भी स्टाफ ने मरीज की गंभीरता से जांच नहीं की लापरवाही के चलते रंजीत की मौत हुई है। स्वजनों के रोष को देखते हुए पुलिस को सूचना दी गई। थाना सिटी वन व सिटी साउथ की पुलिस मौके पर पहुंची। एसएमओ डा. सुखप्रीत सिह बराड़ भी मौके पर पहुंच गए। उधर, मृतक रंजीत सिंह के स्वजनों व अन्य लोगों ने धरना लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी।

गांव खोसा रंधीर के सरपच भूरा सिंह ने बताया कि 35 वर्षीय रंजीत सिंह पुत्र हरमेल सिंह को उन्होंने अपनी कार से सिविल अस्पताल में भेजा था। जहां पहुंचने के बाद रंजीत सिंह के स्वजनों ने ओपीडी की पर्ची कटवाने के बाद एमडी डाक्टर से जांच करवाई। बाद में वह रंजीत सिंह को लेकर इमरजेंसी में ले गए जहां पहुंचने पर डयूटी पर तैनात स्टाफ ने रंजीत सिंह की जांच न करते हुए पर्ची पर रेफर लिखा देखकर फरीदकोट ले जाने की बात कही। इसके बाद रंजीत सिंह की मौत हो गई। मृतक के स्वजनों ने रोष स्वरूप सिविल अस्पताल के मेन गेट के आगे रोष धरना लगाकर नारेबाजी की । मामले की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम सतवंतसिंह मौका पर पहुंचे ।

गेट बंद करके लगाया धरना

मृतक पक्ष के लोगों की मांग थी कि ड्यूटी में लापरवाही करने वाले स्टाफ पर जब तक कार्रवाई नहीं की जाती तब तक वह धरना नहीं हटाएंगे। भूरा सिंह ने बताया कि आए दिन अस्पताल में किसी न किसी लापरवाही करके चलते कोई न कोई कीमती जान जाती है ।

गुर्दे व जिगर हो चुका था खराब

सिविल अस्पताल में तैनात डाक्टर अजविदर सिंह ने बताया कि रंजीत सिंह के परिवार की ओर से साइक्रेटिक डाक्टर से जांच करवाई गई थी। जहां रंजीत सिंह के गुर्दे व जिगर खराब होने पर रंजीत सिंह को करीब पौने दो बजे उनके पास रेफर किया गया था। रिपोर्ट कार्ड व टेस्ट देखने के बाद उसे इंमरजेंसी में टीका व ड्रिप लगाकर फरीदकोट चले जाने के लिए कहा गया। इस बीच, व्यक्ति की मौत हो गई ।

रास्ता जाम करना गलत

मेन बाजार में स्कूटी पर गुजरने वाले निर्मल सिंह,बलकार सिंह ,हरजीत सिंह आदि ने कहा कि वह मानते है कि इंसाफ के लिए रोष जताना जरूरी है। लेकिन आम लोगों के लिए यातायात को बाधित करना या सिविल अस्पताल का मुख्य गेट बंद करना गलत है। हमारे द्वारा अस्पताल का गेट बंद करने के कारण किसी ओर की भी जान जा सकती है ।

मामले की जांच की जा रही है : एसएमओ

एसएमओ डाक्टर सुखप्रीत सिंह ने बताया कि बिना किसी पक्षपात वह पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।

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