किशनपुरा गोशाला का प्रबंधन प्रशासन ने अपने हाथ में लिया

जिले के सबसे बड़े गांव किशनपुरा कलां में चल रही सरकारी गोशाला के प्रबंधन को प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अपने हाथ में ले लिया है। वर्तमान में इस गोशाला में 283 गाएं हैं। उन्हें जिला प्रशासन की सीधी निगरानी में रखकर गोशाला का प्रबंध किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 10:49 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 10:49 PM (IST)
किशनपुरा गोशाला का प्रबंधन प्रशासन ने अपने हाथ में लिया
किशनपुरा गोशाला का प्रबंधन प्रशासन ने अपने हाथ में लिया

जागरण संवाददाता.मोगा : जिले के सबसे बड़े गांव किशनपुरा कलां में चल रही 'सरकारी गोशाला' के प्रबंधन को प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अपने हाथ में ले लिया है। वर्तमान में इस गोशाला में 283 गाएं हैं। उन्हें जिला प्रशासन की सीधी निगरानी में रखकर गोशाला का प्रबंध किया जाएगा। अभी तक ये गोशाला निजी लोगों को प्रबंधन के लिए दी हुई थी। गोशाला में करोड़ों का बजट को लग गया, लेकिन बेसहारा घूमते पशुओं के मामले में किसी प्रकार का सुधार न दिखाई देने के कारण जिला प्रशासन ने अब ये कदम उठाया है।

शुक्रवार को डीसी संदीप हंस ने बताया कि जिला प्रशासन गोमाता की सेवा की जिम्मेदारी उठाने को पूरी तरह तैयार है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस जिम्मेदारी को ठीक से निभाने में जिले के लोग और उदार सज्जनों के सहयोग की आवश्यकता है। साथ ही समय-समय पर लोगों की सलाह भी मार्गदर्शन का काम करेगी। उन्हें उम्मीद है कि इस काम में लोग साथ देते रहेंगे।

गोशाला प्रबंधन व मार्गदर्शन के लिए लोगों से संपर्क में रहने के लिए जिला प्रशासन ने फेसबुक पेज भी तैयार किया है। गोशाला से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी समय-समय पर फेसबुक पर सांझा की जाएंगी। गोशाला के बैंक खाते की पूरा विवरण भी फेसबुक पर उपलब्ध रहेगी। ताकि गोशाला का प्रबंधन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा सके। गोशाला को चलाने के लिए सभी हितधारकों के प्रतिनिधित्व के साथ एक समिति का गठन किया गया है। गोशाला के लिए आने वाले दान को खर्च करने के लिए किसी को भी व्यक्तिगत रूप से अधिकृत नहीं किया गया है।

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